- 2025 में राजनीति, अध्यात्म, विज्ञान, व्यापार और खेल की कई दिग्गज हस्तियों का निधन
- कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 90 वर्ष की आयु में निधन हुआ
- JMM के संस्थापक शिबू सोरेन और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का निधन हुआ
साल 2025 दुनिया के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. इस साल राजनीति, अध्यात्म, विज्ञान, व्यापार और खेल जगत की कम से कम एक दर्जन सबसे प्रभावशाली हस्तियों ने हमारी दुनिया को अलविदा कह दिया. दरअसल ये वे लोग थे जिन्होंने अपने विचारों, कार्यों और उपलब्धियों से इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी. राजनीतिक नेताओं से लेकर आध्यात्मिक गुरुओं, वैज्ञानिकों, बिज़नेस दिग्गजों और खेल सितारों तक हर क्षेत्र ने दिग्गजों को खोया. आइए जानते हैं उन दिग्गजों के बारे में जिन्होंने 2025 में हमें हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.
शिवराज पाटिल (1935-2025)
कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 12 दिसंबर को महाराष्ट्र के लातूर स्थित आवास पर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे 90 वर्ष के थे. पाटिल ने 2004 से 2008 तक भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया. इसके अलावा वे 1991 से 1996 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे. उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक जैसे अहम पद भी संभाले. अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
शिबू सोरेन (1944-2025)
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 4 अगस्त को दिल्ली में निधन हो गया. वे 81 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. आपको बता दें कि शिबू सोरेन को अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई. साथ ही वे आदिवासी समुदाय के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे और उनकी राजनीतिक यात्रा संघर्ष और जनसेवा से भरी रही.
वी.एस. अच्युतानंदन (1923-2025)
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ वामपंथी नेता वी.एस. अच्युतानंदन का 21 जुलाई को तिरुवनंतपुरम में निधन हो गया. वे 101 वर्ष के थे. अच्युतानंदन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के संस्थापक सदस्य थे. उन्होंने 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और कई बार विपक्ष के नेता रहे. वे भ्रष्टाचार और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर अपनी सख्त राय के लिए जाने जाते थे.
सत्यपाल मलिक (1946-2025)
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 5 अगस्त को दिल्ली में निधन हो गया, वे 79 वर्ष के थे. मलिक ने मेघालय, जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और ओडिशा के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. वे उस समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाया. वे अपने स्पष्ट विचारों और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे.
नवजोत सिंह
वित्त मंत्रालय में पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह का 14 सितंबर को सड़क हादसे में निधन हो गया. उनकी बाइक को एक बीएमडब्ल्यू ने टक्कर मार दी, वे 52 वर्ष के थे. इस हादसे ने सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए.
विजय रूपाणी (1956-2025)
गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी का 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास एयर इंडिया फ्लाइट 171 के हादसे में निधन हो गया. यह विमान लंदन जा रहा था और टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, रूपाणी 68 वर्ष के थे. उनके निधन पर गुजरात में शोक की लहर दौड़ गई और अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. रूपाणी ने राज्य में विकास और प्रशासनिक सुधारों के लिए कई पहल की थीं.
गोपीचंद हिंदुजा (1940-2025)
हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन और भारतीय-ब्रिटिश उद्योगपति गोपीचंद हिंदुजा का 4 नवंबर को लंदन में निधन हो गया. वे 85 वर्ष के थे. उन्होंने हिंदुजा ग्रुप को दुनिया के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई. उनकी संपत्ति का अनुमान 35 अरब पाउंड था. वे परोपकार और वैश्विक व्यापार में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते थे.
फौजा सिंह (1911-2025)
दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह का 14 जुलाई को पंजाब में सड़क हादसे में निधन हो गया, वे 114 वर्ष के थे. आपको बता दें कि फौजा सिंह ने 100 वर्ष की उम्र के बाद भी मैराथन पूरी कर दुनिया को प्रेरित किया. उनकी कहानी ने लाखों लोगों को फिटनेस और दृढ़ संकल्प के महत्व का संदेश दिया.
चार्ली किर्क (1993-2025)
अमेरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता चार्ली किर्क की 10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में गोली मारकर हत्या कर दी गई, वे 31 वर्ष के थे. किर्क पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबियों में से एक माने जाते थे. उनकी मौत ने अमेरिका में राजनीतिक हिंसा पर बहस को फिर से तेज कर दिया.
जेन गुडॉल (1934-2025)
वर्ल्ड फेमस ब्रिटिश प्राइमेटोलॉजिस्ट और पर्यावरणविद् जेन गुडॉल का 1 अक्टूबर को कैलिफोर्निया में निधन हो गया. उनकी उम्र 91 वर्ष थीं. उन्होंने तंजानिया में चिंपैंजी पर शोध कर पशु व्यवहार की समझ को नई दिशा दी. उनकी खोजों ने वैश्विक संरक्षण प्रयासों को प्रेरित किया और उन्हें पर्यावरण आंदोलन का चेहरा बना दिया.
वेसे पेस (1945-2025)
भारतीय हॉकी खिलाड़ी और खेल चिकित्सा विशेषज्ञ वेसे पेस का 14 अगस्त को कोलकाता में निधन हो गया, वे 80 वर्ष के थे. उन्होंने 1972 म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था. बाद में वे खेल चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी बने. वे टेनिस स्टार लिएंडर पेस के पिता थे.
पोप फ्रांसिस (1936-2025)
रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को वेटिकन में निधन हो गया, वे 88 वर्ष के थे. वे पहले लैटिन अमेरिकी और जेसुइट पोप थे. उन्होंने गरीबों पर ध्यान केंद्रित किया और चर्च में सुधार के प्रयास किए. उनकी मृत्यु के बाद पोप लियो XIV को चुना गया.
लॉर्ड स्वराज पॉल (1931-2025)
भारतीय मूल के ब्रिटिश उद्योगपति और परोपकारी लॉर्ड स्वराज पॉल का 21 अगस्त को लंदन में निधन हो गया, वे 94 वर्ष के थे. उन्होंने कैपारो ग्रुप की स्थापना की और भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.














