अब प्याज़ नहीं, टमाटर रुला रहा है : उत्तराखंड में 250 रुपये किलो तक पहुंचा टमाटर

Tomato Price in Uttarakhand: सब्ज़ी विक्रेता राकेश ने कहा, "उत्तराकाशी में टमाटर की बढ़ती कीमतों का खामियाज़ा आम उपभोक्ता भुगत रहे हैं... अब तो लोग टमाटर खरीदने को तैयार ही नहीं हैं... गंगोत्री, यमुनोत्री में टमाटर 200 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहे हैं..."

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Tomato Price Today: टमाटर की बढ़ती कीमतों का खामियाज़ा समूचे देश में आम उपभोक्ता भुगत रहे हैं...
उत्तरकाशी (उत्तराखंड):

अब तक गृहिणियों को सिर्फ़ प्याज़ ही रुलाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ हफ़्तों से टमाटर की वजह से भी आंखों में आंसू आ जाते हैं. देशभर में टमाटर (Tomato Price) के दाम लगातार 'उत्तर दिशा की ओर' बढ़ रहे हैं, और हिन्दुस्तानी रसोई की सबसे अहम सब्ज़ी टमाटर अब उत्तराखंड राज्य के गंगोत्री धाम में 250 रुपये प्रति किलोग्राम और उत्तरकाशी जिले में 180 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने लगा है.एक सब्ज़ी विक्रेता का कहना है कि समूचे इलाके में टमाटर अचानक ही महंगे होते चले गए हैं.

सब्ज़ी विक्रेता राकेश ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "उत्तराकाशी में टमाटर की बढ़ती कीमतों का खामियाज़ा आम उपभोक्ता भुगत रहे हैं... अब तो लोग टमाटर खरीदने को तैयार ही नहीं हैं... गंगोत्री, यमुनोत्री में टमाटर 200 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहे हैं..."

बहुत-से लोग सब्ज़ियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के लिए प्रमुख टमाटर-उत्पादक क्षेत्रों में मौजूद गर्मी के साथ-साथ भारी बारिश को भी ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं, जिसके चलते आपूर्ति शृंखला बाधित हुई है.

टमाटर वैसे भी ज़्यादा समय तक सही नहीं रह पाता है, यानी अन्य सब्ज़ियों की तुलना में जल्दी खराब हो जाता है, और यह भी इसकी कीमतों के बढ़ते चले जाने की एक वजह है.

दक्षिण भारत के शहर चेन्नई में टमाटर फ़िलहाल 100-130 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है.

टमाटर की लगातार बढ़ती कीमतों की चुभन को महसूस करते हुए तमिलनाडु सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राजधानी चेन्नई में राशन की दुकानों पर 60 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू कर दिया है.

उधर, कई अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक में भी हालिया दिनों में टमाटर की कीमतें आसमान को छू गई हैं. राजधानी बेंगलुरू में टमाटर की कीमतें 101 से 121 रुपये प्रति किलोग्राम तक चल रही हैं. टमाटर की ऊंची कीमतों के लिए मार्च और अप्रैल में अचानक हुई तापमान वृद्धि को ज़िम्मेदार माना जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप टमाटर की उपज पर कीटों के हमले हुए, और बाज़ार भाव बढ़ गए.

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