केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) के सूत्रों ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए केरल (Kerala) में Smart strategic lockdown ज़रूरी हो गया है. इस तरह का लॉकडाउन पूरे ज़िले स्तर पर नहीं बल्कि मोहल्ले और कस्बों के आधार पर किया जाता है, जहां ज़्यादा लोग पॉजिटिव मिल रहे होते हैं.
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि केरल में 85% मरीज़ होम आइसोलेशन में हैं पर उनकी सही से रोज़ाना मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. इस वजह से मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि वो घूम रहे हैं और संक्रमण उससे फैल रहा है. सूत्रों ने बताया कि काफी पहले से केंद्र "लिमिटेड लॉकडाउन" की बात केरल को कहता रहा है लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
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बढ़ते मामलों के मद्देनजर हाल में लिए गए केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में भी जहां ज़रूरी हो, वहां लॉकडाउन की बात कही गई थी. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने गतिविधियों को कम करने की सुझाव दिया है. जिन जिलों में ज्यादा ट्रांसमिशन बढ़ रहा है वहां कड़े कदम उठाने की भी सलाह दी गई है. मंत्रालय ने कंटेनमेंट ज़ोन को और बेहतर करने की ज़रूरत बताई है.
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सूत्रों ने बताया कि केंद्र की तरफ से समय समय पर दिए गए सुझावों पर ठीक से अमल नहीं किया गया. प्रबंधन (मैनेजमेंट) में कमी के चलते इतने लंबे वक्त से ट्रांसमिशन फैल रहा है. केरल में वीकली पॉजिटिविटी रेट 14-19% के बीच है. अब केरल का असर पड़ोसी राज्यों में भी दिखने शुरू हो गए हैं.