तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी के गठन का निर्णय लिया है. लेकिन कोर्ट के कहने के बावजूद इस मुद्दे पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि लड्डू में मिलावट का मामला तो भ्रष्टाचार का एक छोटा-सा नमूना है, तथा पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में लिए गए कई और फैसले भी हैं जिनकी जांच की जानी चाहिए.
पवन कल्याण ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं लड्डू में मिलावट के लिए युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी को व्यक्तिगत रूप से दोषी नहीं ठहरा रहा हूं, बल्कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड भी इसके लिए दोषी है, जिसका गठन पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में किया गया था.'
सुप्रीम कोर्ट तिरुपति में प्रसाद के लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल के मामले में अदालत की निगरानी में जांच के अनुरोध वाली याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर शुक्रवार को को सुनवाई की, जिसके बाद नई एसआईटी के गठन का ऐलान किया गया. इस बीच पवन कल्याण ने कहा कि वह न्यायपालिका को यह बताना चाहते हैं कि जगन पर भ्रष्टाचार सहित कई आरोप हैं और उन्हें (लड्डू में मिलावट के मामले में) कोई फैसला देने से पहले इन सभी पर गौर करना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा, ‘प्रसाद के लड्डू में मिलावट तो महज एक छोटा-सा हिस्सा है. हमें नहीं पता कि (पिछले) पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने कितने करोड़ रुपये जुटाए. इसकी जांच होनी चाहिए.' उन्होंने कहा,‘पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री मासूम बनने की कोशिश कर रहे हैं.'
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के इस आरोप पर कि लड्डू में मिलावट वाला घी इस्तेमाल किया गया, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि टीडीपी प्रमुख विधायकों और सांसदों को बता रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ था, उन्होंने एक ‘तथ्य' का हवाला दिया. उन्होंने लड्डू में मिलावट के मुद्दे को पिछले पांच सालों से ‘सनातन धर्म' पर किया जा रहा हमला बताया.
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