बाघों के शिकार की CBI करे जांच... याचिकाकर्ता की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्तों में मांगा जवाब

सुनवाई के दौरान एडवोकेट गौरव बंसल ने CJI बीआर गवई की बेंच को बताया कि 35 प्रतिशत से ज्यादा बाघ संरक्षित क्षेत्र से बाहर हैं.

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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत देश के अन्य दूसरे राज्यों में बाघों के शिकार का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. याचिकाकर्ता की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट मामले का परीक्षण करने को तैयार है. कोर्ट ने MHA, MoEF और NTCA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय दिया गया है. कोर्ट ने असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को निर्देश लाने को कहा है.

इस सुनवाई के दौरान एडवोकेट गौरव बंसल ने CJI बीआर गवई की बेंच को बताया कि 35 प्रतिशत से ज्यादा बाघ संरक्षित क्षेत्र से बाहर हैं. प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चलता है कि केई देश ऐसे अपराधों में शामिल हैं. ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई को करनी चाहिए. ये एक बड़ा रैकेट है. उत्तर और दक्षिण भारत सभी इसमें शामिल हैं.

रिपोर्ट में एक केंद्रीय एजेंसी की मांग की गई है.वकील गौरव बंसल की ओर से दायर  याचिका में इसके अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्तीय नेटवर्क की भी जांच की मांग की गई है.याचिका में  मांग की गई है कि कोर्ट सम्बंधित राज्यों को निर्देश दे कि वो टाइगर कॉरिडोर तथा टाइगर रिज़र्व से सटे इलाको में कोर एरिया की तर्ज पर प्रभावी संरक्षण, निगरानी और गश्त की व्यवस्था करें. 

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