MP में बांधवगढ़ से सटे गांव में घुसा बाघ, युवक पर हमला कर घर में घुसा; रेस्क्यू में लगे 8 घंटे

यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में बाघ गांव में घुसा हो. इससे पहले चिलहरी के गड़रिया हर क्षेत्र में भी एक बाघिन दिखाई दी थी, जिसे 26 दिसंबर को रेस्क्यू कर माधव टाइगर रिज़र्व भेजा गया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
भोपाल:

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से सटे बेल्दी गांव में सोमवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बाघ खेतों के रास्ते गांव में घुस आया, एक युवक पर हमला किया और फिर एक घर के अंदर जाकर खाट पर बैठ गया. डर के मारे गांव के लोग अपने-अपने घरों की छतों पर चढ़ गए. आखिरकार वन विभाग की टीम ने करीब आठ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाघ को सुरक्षित पकड़ लिया.ग्रामीणों के मुताबिक बाघ सुबह करीब 10 बजे खेतों में दिखाई दिया. साढ़े दस बजे वन विभाग को सूचना दी गई. करीब साढ़े बारह बजे बाघ खेतों से निकलकर सीधे गांव की ओर बढ़ा.

गांव में घुसते ही बाघ ने गोपाल कोल नाम के युवक पर हमला कर दिया और एक ही छलांग में उसे जमीन पर गिरा दिया. गोपाल के पैर में गंभीर चोट आई. उसे पहले कटनी जिले के बरही अस्पताल में प्राथमिक इलाज दिया गया, फिर कटनी रेफर किया गया. बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व की टीम घायल युवक के साथ मौजूद है.हमले के बाद बाघ दुर्गा प्रसाद द्विवेदी के घर में घुस गया और खाट पर बैठ गया, जिससे गांव में दहशत फैल गई. कई लोग डर के मारे छतों पर चढ़ गए. ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में जंगली जानवर अक्सर दिखाई देते हैं और लोग आमतौर पर उन्हें लाठी से भगाने की कोशिश करते हैं. सोमवार को भी ऐसा ही किया गया, लेकिन बाघ ने पलटकर हमला कर दिया.

सूचना मिलते ही पनपथा बफर ज़ोन की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और करीब आठ घंटे की मशक्कत के बाद शाम करीब 6 बजे बाघ को सुरक्षित पकड़ लिया गया.बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर पी. के. वर्मा ने बताया कि पनपथा बफर ज़ोन में बाघों की आवाजाही सामान्य है. “हाल ही में एक मादा बाघिन भी इस इलाके में देखी गई थी. जब लोग इकट्ठा हुए तो वह डरकर गांव की तरफ भाग गई. सूचना मिलते ही हमने डॉक्टर, वाहन और रेस्क्यू टीम भेजी और बाघ को सुरक्षित जंगल में छोड़ने की कार्रवाई की गई,” उन्होंने कहा.

यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में बाघ गांव में घुसा हो. इससे पहले चिलहरी के गड़रिया हर क्षेत्र में भी एक बाघिन दिखाई दी थी, जिसे 26 दिसंबर को रेस्क्यू कर माधव टाइगर रिज़र्व भेजा गया था.यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब मध्य प्रदेश, जिसे “टाइगर स्टेट” कहा जाता है, बाघों की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्ष दोनों को लेकर गंभीर सवालों के घेरे में है. साल 2025 में अब तक राज्य में 55 बाघों की मौत हो चुकी है जो 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू होने के बाद किसी एक साल में सबसे ज़्यादा है.

एक दिन पहले ही सागर जिले के हिलगांव गांव के पास एक मादा बाघिन का शव मिला था, जिसके बारे में आशंका जताई जा रही है कि उसकी मौत अवैध बिजली के फंदे से करंट लगने से हुई.आंकड़ों के मुताबिक 2025 में हुई 55 मौतों में से 11 को अप्राकृतिक माना गया है और इनमें से करीब 8 मौतें करंट या अवैध शिकार से जुड़ी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों के सिमटने और बफर ज़ोन में मानवीय गतिविधियों के बढ़ने से ऐसे टकराव आगे और बढ़ सकते हैं.

Featured Video Of The Day
Sucherita Kukreti | Maulana Nadwi Statement: मौलाना नदवी के बयान पर BJP प्रवक्ता ने क्या-क्या कहा?
Topics mentioned in this article