"यह नेहरू का भारत नहीं है..": राहुल गांधी के चीन से संभावित खतरे को लेकर आगाह करने पर बोली BJP

राठौड़ ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सीमा के बुनियादी ढांचे पर खर्च में तीन गुना वृद्धि हुई है. देश अब अपनी सीमाओं और क्षेत्र की मजबूती से रक्षा कर रहा है.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में राहुल गांधी ने गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की.
नई दिल्ली:

भाजपा ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर सेना का मनोबल गिराने का आरोप लगाया, साथ ही उनके परदादा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर कटाक्ष किया. बीजेपी प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि यह उनके परदादा नेहरू का भारत नहीं है, जो सोते समय चीन से 37,242 वर्ग किमी हार गए. राहुल गांधी ने दावा किया है कि भारत चीन से युद्ध के खतरे की अनदेखी कर रहा है.

शुक्रवार को अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' के 100 दिन पूरी होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है और भारत सरकार इस पर सो रही है और खतरे की अनदेखी कर रही है.

इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, "राहुल गांधी को लगता है कि चीन के साथ निकटता होनी चाहिए. अब, उन्होंने इतनी निकटता विकसित कर ली है कि उन्हें पता है कि चीन क्या करेगा."

भारत और चीन के बीच 1962 के युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अपनी यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने देश में भ्रम फैलाने और भारतीय सैनिकों को हतोत्साहित करने के लिए भारतीय सुरक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में टिप्पणी की है. यह उनके परदादा नेहरू का भारत नहीं है, जो सोते समय चीन से 37,242 वर्ग किमी हार गए."

उन्होंने कहा कि गांधी को खुद को "फिर से लॉन्च" करने के लिए "राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी" नहीं करनी चाहिए. चीन के हाथों जमीन गंवाने के बाद अब उन्हें लगता है कि चीन के साथ निकटता होनी चाहिए, और उन्होंने चीन के साथ इतनी निकटता विकसित कर ली है कि उन्हें पता है कि चीन क्या करेगा."

सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले राजीव गांधी फाउंडेशन के साथ कांग्रेस पर हमला करते हुए, राठौड़ ने आरोप लगाया, "यह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पेरोल पर था. कांग्रेस पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए."

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान कई चीनी अतिक्रमण हुए थे. जबकि, 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सीमा के बुनियादी ढांचे पर खर्च में तीन गुना वृद्धि हुई है. देश अब अपनी सीमाओं और क्षेत्र की मजबूती से रक्षा कर रहा है.

इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने कहा, "मैं चीन के खतरे को बहुत स्पष्ट रूप से देख सकता हूं. मैं पिछले दो-तीन सालों से इस पर स्पष्ट रहा हूं, लेकिन सरकार इसे छिपाने और अनदेखा करने की कोशिश कर रही है. यह खतरा न तो छुपा रह सकता है और न ही नज़रअंदाज़ किया जा सकता है. अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन की पूरी आक्रामक तैयारी के बाद भी भारत सरकार सोई हुई है."

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"सरकार यह सुनना नहीं चाहती है, लेकिन उनकी (चीन की) तैयारी जारी है. तैयारी युद्ध के लिए है. यह घुसपैठ के लिए नहीं है, बल्कि युद्ध के लिए है. यदि आप उनके हथियार पैटर्न को देखते हैं, और वे क्या कर रहे हैं, वे युद्ध की तैयारी कर रहे हैं. हमारी सरकार इसे छिपाती है और इसे स्वीकार नहीं कर पा रही है."

उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार "घटना-आधारित काम" करती है और "रणनीतिक रूप से काम नहीं करती है."

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