- बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार 90,712 बूथ लेवल ऑफिसरों को ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया है.
- हर मतदान केंद्र पर अधिकतम बारह सौ मतदाता निर्धारित कर वोटिंग प्रक्रिया को सहज और भीड़ रहित बनाया गया है.
- मतदाता पोलिंग बूथ तक मोबाइल फोन लेकर जा सकते हैं और मतदान के बाद मोबाइल वापस ले सकते हैं.
चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने कई ऐसी चीजें करना जा रहा है, जो देश में पहली बार होंगी. इनमें बीएलओ की दिल्ली में ट्रेनिंग कराने से लेकर मोबाइल फोन जमा कराने तक की बातें शामिल हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव देश के इतिहास में सबसे पारदर्शी, सुरक्षित और आसान होने वाला है.
1-पहली बार बूथ लेवल ऑफिसर
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने ने कहा कि इस बार बिहार के विधानसभा चुनावों के लिए पहली बार बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) को नई दिल्ली में ट्रेनिंग दी गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार के चुनाव में 90,712 बीएलओ तैनात रहेंगे. इसके अलावा 243 ईआरओ, 38 DEOs हर पल मौजूद रहेंगे.
2-निश्चित संख्या में मतदाता
पहली बार विधानसभा चुनाव में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की एक संख्या तय की गई है. चुनाव आयुक्त ने बताया कि हर पोलिंग बूथ पर मतदान सही से हो सके और भीड़ न लगे इसके लिए 1200 मतदाताओं की संख्या निर्धारित की गई है.
3-मोबाइल ले जाने की सुविधा
पहली बार मतदाता को पोलिंग स्टेशन तक मोबाइल ले जाने की इजाजत दी गई है. मतदाता, मोबाइल लेकर जा सकते हैं और मोबाइल जमा कर सकते हैं. वोट डालने के बाद वह अपना मोबाइल कलेक्ट कर सकते हैं. मोबाइल उस कमरे के ठीक बाहर जमा किया जा सकता है, जहां बूथ बना है.
4-उम्मीदवारों का पोलिंग बूथ
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार उम्मीदवारों को पोलिंग स्टेशन के 100 मीटर के दायरे में अपने बूथ लगाने की भी मंजूरी दी गई है. कैंडिडेट्स के बूथ पहले मतदान केंद्र से काफी दूर लगते थे. इससे वोटरों और एजेंट्स को काफी परेशानी होती थी.
5-ईवीएम में कलर फोटो
ईवीएम में पहली बार उम्मीदवारों की कलर्ड फोटोग्राफ लगाए जाएंगे. चुनाव आयोग के अनुसार उम्मीदवारों ने शिकायत की थी कि ब्लैक एंड व्हाइट फोटो से पहचान की दिक्कत आती थी. ऐसे में चुनाव आयोग ने फैसला लिया कि रंगीन फोटो होगी और सीरियल नंबर का फॉन्ट भी बड़ा होगा. ऐसे में उम्मीदवारों की पहचान आसान होगी और वोटरों को भी आसानी होगी.
6-डिजिटल इंडेक्स रिपोर्ट
इसके अलावा इस विधानसभा चुनाव में डिजिटल इंडेक्स रिपोर्ट तैयार की जाएगी. डिजिटल इंडेक्स कार्ड कुछ ही दिनों में मिल जाएंगे. हर बूथ की वेबकास्टिंग भी की जाएगी. लेकिन यह वेबकास्टिंग केवल हाई कोर्ट को ही उपलब्ध कराई जाएगी.
7-हर सीट के लिए ऑब्जर्वर
सभी 243 सीटों पर पहली बार जनरल ऑब्जर्वर तैनात किए जाएंगे. इन ऑब्वजर्वर्स के फोन नंबर और इनकी एसेंबली के बारे में भी जानकारी मतदाता को दी जाएगी.
8-सिर्फ एक कॉल की दूरी पर मशीनरी
बिहार की पूरी चुनाव मशीनरी एक कॉल की दूरी पर रहेगी. ईसीआईनेट ऐप को डाउनलोड करके चुनावी प्रक्रिया की जानकारी ली जा सकती है. अगर मतदाता को कोई दिक्कत है तो वह अपने बीएलओ से बात कर सकता है. अपनी समस्या बता सकता है. मतदाता 1950 पर कॉल करके भी अपनी समस्या बता सकते है.
9-पोस्टल बैलेट की स्ट्रीमलाइनिंग काउंटिंग
ईवीएम के लास्ट दो राउंड से पहले पोस्टल बैलट की गिनती खत्म करना जरूरी बनाया गया है. सेकेंड लास्ट राउंड से ठीक पहले पोस्ट बैलेट पेपर्स की काउंटिंग के ठीक बाद ईवीएम/वीवीपैट की काउंटिंग की जाएगी. फॉर्म 17सी और वीवीपैट में मिसमैच होने की स्थिति में उन ईवीएम से संबंधित वीवीपैट की पर्चियों की पूरी गिनती की जाएगी.
10-स्लिप में बदलाव
वोटर इन्फर्मेशन स्लिप में बदलाव किया गया है. अब उसमें मतदान केंद्र और बूथ संख्या की जानकारी ऊपर में ही दी जाएगी. इससे मतदाताओं को काफी फायदा होने की उम्मीद है.