महाराष्ट्र में गुरुवार को मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहे देवेंद्र फडणवीस के साथ क्या एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे? इस समय यह लाख टके का सवाल है. बुधवार को शिंदे और पवार से जब यह सवाल पूछा गया, तो जवाब में दोनों जो बोला, उस पर ठहाके लग गए. इन ठहाकों में शिंदे ने ऐसा सस्पेंस छोड़ दिया, जिस पर अब उनकी 'हां' और 'ना' न आने तक अटकलें लगती रहेंगी. दरअसल शिंदे ने डेप्युटी सीएम की शपथ पर पत्रकार को जवाब देते हुआ कहा कि शाम तक इंतजार करें, उनका जवाब आ जाएगा. शिंदे ने इतना ही बोला था कि पास बैठे अजित पवार ने भी चुटकी लेते हुए बोल दिया- इनको तो शाम तक समझ आएगा, लेकिन मैं तो लेने जा रहा हूं. इस पर अब फिर अकटलें तेज हो गई हैं क्या शिंदे फडणवीस के साथ अपनी कुर्सी बदलेंगे.
जानिए आखिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ क्या
शिंदे से पत्रकार का सवालः क्या आप और अजित दादा पवार भी डेप्युटी सीएम पद की शपथ लेंगे?
एकनाथ शिंदेः अरे भैया, अभी तो कहा.. देवेंद्र जी ने भी कहा, मैं भी कह रहा हूं.. रुको थोड़ा, शाम तक रुको थोड़ा. कल शपथ लेनी है ना.
अजित पवार बीच में बोलते हुएः शाम तक उनका समझ आएगा.मैं तो लेने वाला हूं.
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फिर शिंदे ने ली चुटकी: "दादा (अजित) को अनुभव है, शाम और सुबह भी शपथ लेने का." इसपर वहां जोर-जोर से ठहाके लगने लगे.
हम 5 साल पूरी ताकत के साथ खड़े रहेंगे-एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा, "आज हमने राजपाल को अपना समर्थन पत्र दे दिया है. गुरुवार को फडणवीस CM पद की शपथ लेंगे. हमने पत्र में इसका समर्थन किया है. इसी तरह ढाई साल पहले फडणवीस ने CM के लिए मेरा नाम प्रस्तावित किया था. हम 5 साल पूरी ताकत के साथ खड़े रहेंगे. महायुति सरकार जनता के लिए काम करेगी."
स्थिर सरकार चलेगी-अजित पवार
NCP नेता अजित पवार ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस ने सबकुछ बता दिया है. हमने देवेंद्र फडणवीस को अपना समर्थन पत्र दिया है. 5 साल पूरी स्थिर सरकार चलेगी. अब कोई विधायक किसी पार्टी से नहीं भागेगा. अपने मन से ये बात निकाल दें कि मैं अमित शाह से मिलने दिल्ली गया था. सरकार के गठन को लेकर हमारी पहले ही चर्चा हो चुकी थी. हम सब मिलकर महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करेंगे. हम इस पर काम करेंगे कि सभी जातियों का भला कैसे हो सके. अब हमारे पास 5 साल हैं. अब ऐसा नहीं होगा कि उसकी देखभाल करो, उसकी देखभाल करो. हम किसी को नाराज नहीं करेंगे."
बीजेपी की यह बैठक बेहद खास रही. साधारणत: विधायक दल का नेता चुनने के लिए होने वाली बैठक बंद कमरे में होती है. मीडिया की भी एंट्री ऐसे मौके पर नहीं होती है. लेकिन खुली बैठक में नाम की घोषणा हुई. आइए जानते हैं इसके माध्यम से बीजेपी क्या संदेश देना चाहती है.