भारत में ये फार्मा कंपनियां बेचेंगी कोविड-19 का इलाज करने वाली टैबलेट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एक दिन में तीन मंजूरियां दी हैं."

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नई दिल्ली:

प्रमुख दवा कंपनियों, सिप्ला, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, टोरेंट फार्मा, ऑप्टिमस फार्मा और हेटेरो फार्मास्युटिकल ने कहा है कि वे भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से देश में कोविड-19 के इलाज में उपयोगी एंटीवायरल दवा मॉलनुपिरेविर के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिलने के बाद इसे जल्द से जल्द बाजार में उतारने को तैयार हैं. सिप्ला ने कहा कि उसकी योजना इस दवा को सिप्मोलनु ब्रांड नाम के तहत पेश करने की है. सिप्ला के प्रबंध निदेशक एवं वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग वोहरा ने एक बयान में कहा कि कोविड के इलाज के लिए जरूरी उपचारों को उपलब्ध कराने के तहत यह एक नई पेशकश की गई है. इस दवा को भारत के अलावा निम्न एवं मध्यम आय वाले 100 से अधिक देशों में भी मुहैया कराने की योजना है.

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इससे पहले दिन में सरकार ने कोविड-19 के इलाज में मॉलनुपिरेविर (गोली) के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी थी. इसे वयस्क मरीजों और बीमारी से ज्यादा खतरे वाले लोगों को दिया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एक दिन में तीन मंजूरियां दी हैं. कोवोवैक्स एवं कॉर्बेवैक्स टीके और ‘मॉलनुपिरेविर' दवा को कुछ शर्तों के साथ आपात उपयोग की अनुमति दी गई है.''

दवा कंपनी सन फार्मा को भी मॉलनुपिरेविर के विपणन के लिए डीसीजीआई की मंजूरी मिल गई है. कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उसकी सहायक कंपनी को डीसीजीआई से विनिर्माण और विपणन के लिए ईयूए मिला है. ऑप्टिमस फार्मा ने भी एक या दो दिन में भारतीय बाजार में मोलनुपिराविर पेश करने की घोषणा की है. टोरेंट फार्मा ने कहा कि वह भारत में मोलनुटर ब्रांड नाम से कोविड-19 के इलाज में उपयोगी दवा मॉलनुपिरेविर पेश करेगी. कंपनी ने इससे पहले मॉलनुपिरेविर के विनिर्माण और वितरण के लिए एमएसडी के साथ एक समझौता किया था.

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हैदराबाद स्थित दवा कंपनी हेटेरो फार्मास्युटिकल्स ने कहा कि उसे 200 मिलीग्राम के मॉलनुपिरेविर कैप्सूल के निर्माण और विपणन के लिए डीसीजीआई से अनुमति मिली है. कंपनी मोवफोर ब्रांड के तहत इस कैप्सूल का विपणन करेगी. हेटेरो ने एक बयान में कहा कि इसका उत्पादन तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश स्थित कंपनी के संयंत्रों में किया जाएगा. डॉ. रेड्डीज ने भी मॉलनुपिरेविर का 200 एमजी का कैप्सूल लाने की घोषणा की है. हैदराबाद की कंपनी ने कहा कि वह इस दवा को मोलफ्लू ब्रांड नाम से भारतीय बाजार में उतारेगी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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