प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने शपथ ले ली है. मोदी की तीसरी कैबिनेट में हर बार की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश के सांसदों को सबसे अधिक जगह मिली है. इसमें प्रधानमंत्री मोदी समेत 11 मंत्री शामिल किए गए हैं.प्रधानमंत्री के अलावा अन्य जिन लोगों को कैबिनेट में जगह मिली हैं, राजनाथ सिंह, अनुप्रिया पटेल, जयंत चौधरी, जितिन प्रसाद, बीएल वर्मा, पंकज चौधरी, एसपी सिंह बघेल, कीर्तिवर्धन सिंह और कमलेश पासवान के नाम शामिल हैं. इनमें अनुप्रिया पटेल और जयंत चौधरी को छोड़कर बाकी के सभी नेता बीजेपी के हैं.यूपी से राज्यसभा सांसद हरदीप पुरी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है.मोदी मंत्रिमंडल में सांसदों को शामिल करने में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का ध्यान रखा गया है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की विजय
चार जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 33, आरएलडी को दो और अपना दल (एस) को एक सीट पर विजय मिली है.उत्तर प्रदेश से जिन लोगों को मंत्री बनाया गया है, उनमें से दो राज्यसभा सांसद हैं.जिन लोगों को कैबिनेट में जगह मिली है, उनमें से जितिन प्रसाद,कीर्तिवर्धन सिंह, कमलेश पासवान और जयंत चौधरी को छोड़कर बाकी नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में भी मंत्री थे.
मोदी की तीसरी कैबिनेट में जिन नेताओं को जगह दी गई है, अगर उसके जातिय संतुलन की बात करें तो
इनमें चार ओबीसी, तीन सवर्ण (एक ब्राह्मण और दो राजपूत) और दो दलित हैं. वहीं अगर क्षेत्रवार बात की जाए तो पश्चिम यूपी से सबसे ज्यादा चार,पूर्वांचल से तीन और अवध से दो नाम शामिल हैं.
बीजेपी के सहयोगी दलों का हाल
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चार क्षेत्रीय सहयोगी दल हैं. इनमें अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस),जयंत चौधरी का राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और निषाद पार्टी.रालोद के दो सांसद और एक राज्यसभा सदस्य है. अपना दल (एस) की एकमात्र अनुप्रिया पटेल ही सांसद हैं. निषाद पार्टी ने भदोही की सीट बीजेपी के सिंबल पर जीती है. वहां से निषाद पार्टी के विधायक डॉक्टर विनोद कुमार बिंद जीते हैं.
इससे पहले मोदी की पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश से 12 लोगों को मंत्री बनाया गया था. इनमें से सात मंत्री चुनाव हार गए हैं, इस बार बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 29 सीटों का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं. इस बार उसे केवल 33 सीटें ही मिली हैं.
आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्रियों के बारे में.
राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. वह पिछली कैबिनेट में रक्षा मंत्री थे. मोदी की पहली सरकार में वो गृहमंभी बनाए गए थे.उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ 2005 से लेकर 2009 और 2013 से 2014 तक बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.
पंकज चौधरी
पंकज चौधरी बीजेपी के वरिष्ठतम सांसदों में से एक हैं. वो उत्तर प्रदेश की महाराजगंज सीट से सात बार सांसद चुने गए हैं. वो अबतक केवल एक बार 2009 में ही हारे थे.वो मोदी की पिछली सरकार में वित्त राज्य मंत्री के पद पर थे.कुर्मी जाति के पंकज उद्योगपति भी हैं. राहत रूह के नाम से उनका एक हर्बल ऑयल ब्रांड है.
बीएल वर्मा
बदायूं के रहने वाले बीएल वर्मा मोदी की पिछली सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री थे.उन्हें अमित शाह का काफी करीबी माना जाता है.वर्मा ओबीसी समुदाय से आते हैं. हालांकि इस बार बदायूं सीट बीजेपी नहीं जीत पाई है, इसके बाद भी ओबीसी समुदाय को अपने साथ बनाए रखने के लिए वर्मा को मंत्री बनाया गया है.माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में उत्तर प्रदेश में ओबीसी वोटों में बंटवारा हुआ है. इसे ही सपा की जीत का प्रमुख कारण माना जा रहा है.
कमलेश पासवान
कमलेश पासवान गोरखपुर जिले की बांसगांव लोकसभा सीट से चौथा बार सांसद चुने गए हैं. एक राजनीतिक परिवार से आने वाले पासवान पहली बार मंत्री बने हैं. उनकी मां भी बांसगांव सीट से सांसद रह चुकी हैं. पासी जाति के पासवान दलित समुदाय से हैं. इस बार के चुनाव में बीजेपी ने पासी समुदाय को छह टिकट दिए थे. पिछली सरकार में पासी जाति के ही कौशल किशोर को मंत्री बनाया गया था. वो इस बार चुनाव हार गए हैं.ऐसे में कमलेश पासवान को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है.
एसपी सिंह बघेल
सत्यपाल सिंह बघेल आगरा सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुरेश चंद कर्दम को 2.71 लाख वोटों से हराया है. वो मोदी सरकार में कानून और स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे हैं. एसपी सिंह बघेल दलित समुदाय से आते हैं.
जितिन प्रसाद
इस लिस्ट में सबसे चौंकाना वाला नाम जितिन प्रसाद है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहें जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्हें योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें फिर मंत्रिमंडल में जगह दी गई. इस समय वो लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं.जितिन प्रसाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं. जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में बीजेपी का ब्राह्मण चेहरा माना जाता है. वो ब्राह्मण चेतना परिषद के नाम से संगठन चलाते हैं.इस संस्था के एक्स पेज के मुताबिक जितिन संगठन के संरक्षक हैं.
किर्ती वर्धन सिंह
उत्तर प्रदेश के गोण्डा से सांसद किर्ती वर्धन सिंह भी नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. वो छठवीं बार गोण्डा से सांसद चुने गए हैं. इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेता पुरुषोत्तम रूपाला के एक बयान से राजपूत समुदाय में नाराजगी पसर गई थी. उत्तर प्रदेश में कई जगह राजपूतों ने बीजेपी के खिलाफ वोट किया.राजपूतों की नाराजगी को दूर करने के लिए किर्ती वर्धन सिंह को मौदी कैबिनेट में जगह दी गई है.
जयंत चौधरी
जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सपा से नाता तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रालोद को दो सीटें बागपत और बिजनौर दी थीं. दोनों ही सीटों पर रालोद को जीत मिली है.जयंत चौधरी को सपा की मदद से राज्यसभा की सदस्यता मिली है.इस बार बीजेपी के जाट चेहरा संजीव बालियान चुनाव हार गए हैं. जयंत भी जाट हैं. जयंत मोदी सरकार में जाट चेहरा होंगे.
अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल दल अपना दल (एस) की अध्यक्ष हैं. पटेल की पार्टी 2014 से बीजेपी के साथ है. पटेल ने मिर्जापुर से जीत की हैट्रिक लगाई है. वो मोदी की दोनों सरकारों में मंत्री रह चुकी हैं.इस बार उनकी पार्टी एक ही सीट जीत सकी है.
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