राहुल गांधी की खत्म होती टीम : 2019 के बाद से अब तक कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं ये 11 बड़े नेता

मिलिंद देवड़ा कांग्रेस छोड़कर जाने वाले पहले और आखिरी नेता नहीं हैं. इस लिस्ट में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और जितिन प्रसाद जैसे बड़े नेताओं का नाम भी शामिल है.

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नई दिल्ली:

मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद पार्टी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले एक बड़ा झटका लगा है. ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका इसलिए भी है क्योंकि अब से कुछ महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होना है. ऐसे में आम चुनाव से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा जैसे बड़े नेता का पार्टी को छोड़कर जाना कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता हैं. खास बात ये है कि मिलिंद देवड़ा कांग्रेस छोड़कर जाने वाले पहले नेता नहीं हैं. बीते कुछ समय में पार्टी से मिलिंद समेत इन 11 बड़े नेताओं ने अपना नाता तोड़ा है. 


आइये आज हम आपको उन सभी बड़े नामों से परिचित कराते हैं जिन्होंने बीते कुछ समय में कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र दिया है....

मिलिंद देवड़ा

इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर आते हैं मिलिंद देवड़ा. मिलिंद देवड़ा ने रविवार को कांग्रेस से इस्तीफा देने का ऐलान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. मिलिंद देवड़ा ने कुछ समय पहले ही उद्धव ठाकरे गुट द्वारा मुंबई दक्षिण सीट से चुनाव लड़ने का दावा करने पर नाराजगी व्यक्त की थी. 


कपिल सिब्बल 

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल. कपिल सिब्बल ने 16 मई 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के एक हफ्ते बाद इसकी घोषणा की थी. उन्होंने बाद में समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद के तौर पर नामांकन भरा था. 

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गुलाम नबी आजाद 

कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद ने 2022 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. ये वह दौरान पार्टी छोड़ने वाले सबसे बड़े नेताओं में से एक थे.   इस्तीफा 2022 में पार्टी द्वारा झेले गए सबसे बड़े निष्कासनों में से एक था. गुलाम नबी आजाद ने अब जम्मू-कश्मीर में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के नाम से अपना दल बना लिया है. 

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हार्दिक पटेल 

गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने मई 2022 में अपने त्याग पत्र के साथ राहुल गांधी को नाराज करते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी. राहुल गांधी हार्दिक को 2019 में पार्टी में लेकर आए थे. हार्दिक पटेल ने अपने त्याग पत्र में लिखा था कि पार्टी के ज्यादातर बड़े नेता अपने फोन में ही व्यस्त रहते हैं.  अपने त्याग पत्र के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. 

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अश्विनी कुमार 

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब चुनाव से कुछ दिन पहले फरवरी 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी के एक अनुभवी नेता रहे अश्विनी कुमार 2019 के चुनावों में हार के बाद पार्टी छोड़ने वाले पहले नेताओं में शामिल थे. 

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सुनील जाखड़

सुनील जाखड़, जिन्होंने पंजाब कांग्रेस इकाई का नेतृत्व किया था, ने 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने के लिए नेतृत्व द्वारा कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद पार्टी छोड़ दी थी. वह मई में भाजपा में शामिल हुए और उसी साल जुलाई में उन्हें बीजेपी पंजाब इकाई का प्रमुख बना दिया गया था. 

आर पी एन सिंह 

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह जनवरी 2022 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. वो उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले ऐसा करने वाले सबसे प्रमुख नेता बन गए. पिछड़ी जाति के प्रमुख नेता  सिंह कथित तौर पर प्रियंका गांधी के नेतृत्व वाले यूपी अभियान में साइड लाइन किए जाने से नाराज थे. 

ज्योतिरादित्य सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया जो फिलहाल एक केंद्रीय मंत्री हैं, ने 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. वो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. उस दौरान मध्य प्रदेश में कांग्रेस में बड़े पैमाने पर दलबदल हुआ, जिससे कमल नाथ सरकार गिर गई थी.  

जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद, जो पहले केंद्रीय मंत्री भी रहे थे और राहुल गांधी के बेहद करीबी मानें जाते थे, ने 2021 में कांग्रेस छोड़ दी थी. इसके बाद वो भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. उस दौरान वह यूपी में कांग्रेस के शीर्ष ब्राह्मण चेहरे थे. अपने फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा था कि भाजपा एकमात्र वास्तविक राजनीतिक पार्टी है. 

अल्पेश ठाकोर

कांग्रेस के पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर ने जुलाई 2019 में दो राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ मतदान करने के बाद पार्टी छोड़ दी थी. कुछ दिनों बाद वह भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें राधापुर से उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा गया, लेकिन वह चुनाव हार गए. हालांकि पिछले साल हुए चुनाव में उन्होंने गांधीनगर दक्षिण से जीत हासिल की थी.

अनिल एंटनी

कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पिछले साल जनवरी में पार्टी छोड़ दी और अगले महीने भाजपा में शामिल हो गए थे.भारत को विकास के रास्ते पर लाने के लिए बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की.