एयर इंडिया दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराना चाहिए... 91 साल के पिता की याचिका पर SC की बड़ी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बागची ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं. एक पायलट ने पूछा कि क्या ईंधन दूसरे ने बंद किया था, दूसरे ने कहा नहीं

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  • सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराने की बात कही है.
  • पायलट सुमीत सभरवाल के पिता और भारतीय पायलट महासंघ की याचिका पर केंद्र और DGCA को नोटिस जारी हुआ है.
  • याचिका में दुर्घटना की स्वतंत्र जांच और न्यायिक निगरानी के तहत एक पैनल गठित करने की मांग की गई है.
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नई दिल्ली:

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रेश मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराना चाहिए. पायलट के पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और DGCA को नोटिस जारी कर मामले पर जवाब मांगा है. मामले पर सुनवाई अब अगले हफ्ते होगी. दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के पायलट-इन-कमांड रहे दिवंगत कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता पुष्करराज सभरवाल और भारतीय पायलट महासंघ (FIP) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है. याचिका में इस भयावह दुर्घटना की न्यायिक निगरानी में जांच के लिए एक पैनल के गठन का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय विमान दुर्घटना सम्मेलन के तहत दुर्घटना की स्वतंत्र जांच चाहते हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? 

  • एयर इंडिया अहमदाबाद दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए.
  • यह एक दुखद घटना है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट की गलती नहीं बताई गई है.
  •  ऐसी गलत रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए.
  •  सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया पायलट सभरवाल के पिता के प्रति संवेदना व्यक्त की

'पायलट के पिता को यह बोझ नहीं उठाना चाहिए'

जस्टिस सूर्यकांत ने मामले पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा विमान हादसे की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन इस घटना के लिए पायलट को किसी भी तरह से दोषी नहीं ठहराया जा सकता. उनके पिता को यह बोझ नहीं उठाना चाहिए कि उनके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है.

कोर्ट ने कहा कि हम कुछ पहलुओं की जांच कर सकते हैं. लेकिन इस त्रासदी का कारण चाहे जो भी हो, पायलट इसका कारण नहीं है. मामले मे AAIB जांच का उद्देश्य किसी पर दोष आरोपित करना नहीं है. वहीं जस्टिस बागची ने इस याचिका पर सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रेस में दिए गए आरोपों के लिए उचित मंच पर जाना चाहिए, इसके लिए रिट याचिका माध्यम नहीं होना चाहिए. 

दरअसल कोर्ट ने सवाल तब उठाया जब याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ने वॉल स्ट्रीट जनरल में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय सूत्रों के हवाले से यह खबर लिखी थी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट 10 नवंबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा.

'आपका समाधान विदेशी अदालत में होना चाहिए'

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बागची ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं. एक पायलट ने पूछा कि क्या ईंधन दूसरे ने बंद किया था, दूसरे ने कहा नहीं.  वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक लेख छापा था. जिस पर जस्टिस बागची ने कहा कि हमें विदेशी रिपोर्टों से कोई परेशानी नहीं है. ऐसे में आपका समाधान विदेशी अदालत में होना चाहिए. जस्टिस कांत ने इसे घटिया रिपोर्टिंग बताया. इस पर गोपाल शंकरनारायणन कि उनको परेशानी है, क्यों कि रिपोर्ट में भारत सरकार के सूत्रों का हवाला दिया गया है. इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि भारत में कोई भी यह नहीं मानता कि यह पायलट की गलती थी.

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प्लेन उड़ान भरते ही बना था आग का गोला

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया का प्लेन, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद में उड़ान भरते ही क्रैश हो गया था. इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें यात्री और क्रू मेंबर्स भी शामिल थे.


 

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