"यूपी में मेरे खिलाफ दर्ज 6 FIR हों रद्द", मोहम्मद जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील

इस याचिका में जुबैर के उनके खिलाफ जांच के लिए बनाई गई SIT की संवैधानिकता पर को भी चुनौती दी है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
नई दिल्ली:

ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में उन्होंने कोर्ट से अपने खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुई छह FIR को रद्द करने की मांग की है. इस याचिका में जुबैर के उनके खिलाफ जांच के लिए बनाई गई SIT की संवैधानिकता पर को भी चुनौती दी है. बता दें कि बीते कुछ दिनों में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ यूपी के मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, सीतापुर, लखीमपुर और हाथरस में 6 FIR दर्ज की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट में दी गई अपनी याचिका में मोहम्मद जुबैर ने इन सभी एफआईआर की तफ्तीश के लिए एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम के गठन का भी विरोध किया है. यूपी सरकार ने कुछ दिन पहले ही यूपी पुलिस के आईजी की अगुवाई में एक SIT के गठन का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि हाथरस केस में मोहम्मद ज़ुबैर को 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. मोहम्मद जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई एफआईआर दर्ज कराई गई हैं, जिनमें हाथरस में दो एफआईआर दर्ज हैं. ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद 4 जुलाई को हाथरस में उनके खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ किया गया. यहां महादेव की तस्वीर ट्वीट करने को लेकर FIR हुई. हाथरस कोर्ट से पुलिस के आग्रह पर ज़ुबैर को कोर्ट में पेश होने का वारंट जारी किया गया, जिसके बाद आज उनकी कोर्ट में पेशी हुई. 

गुरुवार को सुनवाई खत्म होने के बाद उन्हें 27 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. ज़ुबैर के वक़ीलों की तरफ़ से ये दलील दी जा रही है कि ज़ुबैर को जेल में रखने के लिए यूपी पुलिस एक बाद एक FIR सामने लेकर आ रही है.

Advertisement

ज़ुबैर के खिलाफ़ दर्ज़ सभी मुक़दमों की जांच में पता चला है कि सभी 6 मुक़दमे धारा 153A और 295A के तहत दर्ज हैं. धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफ़रत फैलाने की कोशिश करते हैं. धारा 295(ए) उन लोगों पर लगाई जाती है जो धार्मिक भावनाएँ आहत करने का कृत्य करते हैं.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Ambedkar Remarks Row: Priyank Kharge ने केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने खिलाफ दिया अभद्र बयान