ब्लैक फंगस का इंजेक्शन लगाते ही 27 मरीजों की हालत बिगड़ी, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मचा हड़कंप

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ. उमेश पटेल ने कहा कि Black Fungus का इंजेक्शन लगाए जाने के बाद 27 मरीजों को कुछ समस्याएं सामने आई थीं. मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (Bundelkhand Medical College) में यह घटना हुई. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Bundelkhand Medical College के पीआरओ Dr. Umesh Patel ने कहा, मरीजों की हालत अब स्थिर
सागर:

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीज़ों को शनिवार को एम्फोटेरेशिन-बी इंजेक्शन लगते ही उनकी तबियत बिगड़ गई, अस्पताल में ब्लैक फंगस के 42 मरीज भर्ती हैं. इंजेक्शन लगाते ही वार्ड में 27 मरीजों की हालत बिगड़ने लगी. उन्हें बुखार और उल्टी समेत कई तरह की शिकायतें होने लगी. इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने फौरन इंजेक्शन लगाना बंद कर दिया.  मरीजों को शासन की तरफ से भेजे गए एम्फोटेरेशिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B Injections)ही लगाए गए थे. मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ. उमेश पटेल ने कहा कि इंजेक्शन लगाए जाने के बाद 27 मरीजों को कुछ समस्याएं सामने आई थीं. मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (Bundelkhand Medical College) में यह घटना हुई. 

ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या क्यों नहीं बताती है सरकार?

दरअसल, कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, एमपी समेत लगभग सभी बड़े कोरोना प्रभावित राज्यों में ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के मामले सामने आए हैं. दूषित ऑक्सीजन, स्टेरॉयड का ज्यादा सेवन जैसी कई वजहें ब्लैक फंगस की बताई जा रही हैं, लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य एजेंसियां अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची हैं.

Aspergillosis: ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद चिंता बढ़ा रहा है एस्परगिलोसिस, क्या है ये, लक्षण और खतरा

ब्लैक फंगस मरीज की नाक, गले से लेकर मस्तिष्क तक पहुंच जाता है. कई संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी आंख तक निकालनी पड़ी है. कुछ ऐसे दुर्लभ मामले भी सामने आए हैं, जिसमें मरीज ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस से पीड़ित पाया गया है. गाजियाबाद में ऐसे ही एक मरीज की हाल ही में मौत हो गई.

Advertisement

मध्य प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कमी को देखते हुए दवा उत्पादन का लाइसेंस एक कंपनी को दे दिया है.जबलपुर की एक कंपनी को म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में इस्तेमाल इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी बनाने का लाइसेंस जारी किया गया है. एक निजी दवा कंपनी ‘रेवा क्योर लाइफ साइंसेज' को 22 दिसंबर 2021 तक के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के उत्पादन के लिए यह लाइसेंस जारी किया है.

Advertisement

जबलपुर में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन बनने से सिर्फ जबलपुर ही नहीं, बल्कि समूचे महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखंड में ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए यह दवा आसानी से और कम कीमत में उपलब्ध हो सकेगी. प्रदेश में इससे पहले केवल इंदौर की मार्डन लेबोरेटरी को ही यह इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस हासिल था.

Advertisement

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : ब्लैक फंगस से भी जानलेवा है इंजेक्शन की खोज

Advertisement

Featured Video Of The Day
BJP Leder Digtial Arrest: डिजिटल अरेस्ट में फंसते बड़े-बड़े लोग, जानें कैसे बचे? | 5 Ki Bat