मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की उगाही करना चाहते थे आरोपी, पढ़ें फिर क्या हुआ

पुलिस की जांच में पता चला है कि साइबर ठगों ने पूर्व मंत्री को डिजिटल अरेस्ट करते समय बताया था कि वो मुबंई क्राइम ब्रांच के अधिकारी है .

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एमपी के पूर्व मंत्री को किया डिजिटल अरेस्ट
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  • मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री को साइबर ठगों ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट किया था
  • ठगों ने पूर्व मंत्री को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल भेजने की धमकी देकर कई घंटों तक कैद रखा
  • ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के जज और केंद्रीय एजेंसियों की फर्जी रिपोर्ट दिखाकर पूर्व मंत्री को फंसाने की कोशिश की
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भोपाल:

मध्यप्रदेश से डिजिटल अरेस्ट कर पैसे की उगाही करने की कोशिश का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. आरोपियों ने जिस शख्स से ठगी की ये कोशिश की वो सूबे की सरकार में पहले मंत्री रह चुके हैं. पूर्व मंत्री को आरोपियों पर किसी तरह का शक ना हो इसके लिए उन लोगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम से बताया. 

पुलिस की जांच में पता चला है कि साइबर ठगों ने पूर्व मंत्री को डिजिटल अरेस्ट करते समय बताया था कि वो मुबंई क्राइम ब्रांच के अधिकारी है . पूर्व मंत्री को ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस के आरोपों में जेल भेजने की धमकी देकर कई घंटों तक कैद में रखा. हालांकि सही समय पर पुलिस से बात करने से पूर्व मंत्री ठगों के शिंकजे से बाल बाल बच गए.

साइबर ठगों ने कई घंटों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा

रिपोर्ट के मुताबिक साइबर ठगों ने मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे एक राजनेता को शिकार बनाया और कई घंटों तक डिजिटली अरेस्ट करके रखा. ठगों ने मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर फोन किया और राजनेता को मनी लांड्रिंग के आरोप में जेल भेजने की धमकी दे रहे थे, लेकिन पूर्व मंत्री को शक हो गया और उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी.

ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के जज व केंद्रीय एजेंसियों के फर्जी रिपोर्ट दिखाए

बयान के मुताबिक साइबर ठगों ने पूर्व मंत्री को फंसाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज और केंद्रीय एजेंसियों के फर्जी रिपोर्ट भी दिखाए, लेकिन पूर्व मंत्री उनके झांसे नहीं आए. ठगों ने फिर पूर्व मंत्री को दस्तावेजों कई सिम खरीदने और उनका दुरुपयोग का आरोप लगाया, ठग एक फिर नाकाम रहे.

कोई शिकायत दर्ज नहीं होने से अभी तक मामले में FIR दर्ज नहीं हुआ 

गौरतलब है पुलिस ने पूर्व मंत्री का नाम अभी तक उजागर नहीं किया है. साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट किए गए पूर्व मंत्री को कई घंटों तक डिजिटल अरेस्ट होने के बाद शक हुआ तो उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से पुष्टि के लिए फोन किया, तब उन्हें साइबर ठगों की करतूतों का पता चला. पूर्व मंत्री द्वारा कोई शिकायत दर्ज नहीं किए जाने से अभी तक मामले में FIR दर्ज नहीं हुआ है.

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