Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) में भारतीय दूतावास (Indian embassy) के सारे स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. एयरफोर्स की विशेष फ्लाइट के जरिये इन्हें आज लाया गया. सरकार ने कहा है कि काबुल में अपने दूतावास के सारे स्टाफ को मंगलवार सुरक्षित निकाल लिया और सब स्वदेश पहुंच चुके हैं. काबुल पर तालिबान के कब्जे, भारतीय दूतावास पर तालिबान (Taliban) लड़ाकों की पैनी निगाह के बीच इस मानवीय संकट से बखूबी निपटने को लेकर भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) की तारीफ हो रही है.
वायुसेना की विशेष फ्लाइट के जरिये राजदूत रुदेंद्र टंडन (Indian Ambassador to Afghanistan Rudrendra Tandon) और अन्य स्टाफ के साथ सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी जवानों को भी लाया गया.
काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद पिछले 48 घंटों के भीतर भारतीय नागरिकों की वतन वापसी नहीं थी. गुजरात के जामनगर में यह फ्लाइट उतरी. एएनआई से बातचीत में टंडन ने कहा कि इन असामान्य परिस्थितियों में हमें यहां सुरक्षित लाने के लिए भारतीय वायुसेना का धन्यवाद. टंडन ने कहा, ऐसा नहीं है कि हमने अफगानिस्तान के लोगों को छोड़ दिया है.
उनके साथ रिश्ते और उनकी भलाई हमेशा हमारे दिमाग में रही है. हम लगातार उनके साथ संपर्क बनाए रहेंगे. लेकिन मैं अभी कुछ कह नहीं सकता कि क्योंकि हालात बेहद तेजी से बदल रहे हैं. एएनआई ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें विमान में सवार भारतीय भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. वतन सुरक्षित लौट आने का सुकून उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था.
भारत ने दो विशालकाय सी-27 एयरक्राफ्ट को भारतीयों को वापस लाने के लिए रविवार को काबुल भेजे थे. पहला विमान सोमवार को 45 लोगों को लेकर लौटा था. लेकिन सड़क और हवाई क्षेत्र बंद हो जाने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल सोमवार को रहा. लिहाजा भारतीय दूतावास के कर्मियों, आईटीबीपी जवानों की वापसी में देरी हुई.
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