- पंजाब के पठानकोट और गुरदासपुर में पाकिस्तान से आतंकी घुसपैठ की आशंका के चलते हाई अलर्ट जारी किया गया है
- जम्मू क्षेत्र में बर्फबारी के कारण आतंकवादी अब पंजाब के रास्ते सीमा पार घुसपैठ की योजना बना रहे हैं
- पठानकोट के सीमावर्ती इलाकों में पंजाब पुलिस ने कमांडो तैनात कर संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है
जम्मू क्षेत्र में इंटरनेशनल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाने के बाद अब पंजाब के सीमावर्ती इलाके भी चिंता में हैं. खासतौर पर पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट जारी किया गया है. खुफिया विभाग से जानकारी मिली है कि पाकिस्तान से आतंकी घने कोहरे का फायदा उठाकर भारत में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं. इस समय इंटरनेशनल बॉर्डर के पूरे इलाके में घना कोहरा छाया हुआ है. आशंका है कि आने वाले एक महीने तक बना यह धुंध रह सकता है. इन इलाकों में धुंध का असर यह होता है कि विजिबिलिटी न के बराबर हो जाती है, जिसका फायदा उठाने की फिराक में आतंकी सीमा पार बैठे हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने के बाद आतंकवादी अब पंजाब के रास्ते घुसपैठ करने की योजना बना सकते हैं.
आतंकियों की मूवमेंट हो रही
सुरक्षा बलों को ऐसे इनपुट भी मिले है कि जम्मू, कठुआ और गुरुदासपुर के सीमा पार आतंकियों की मूवमेंट हो रही है. घुसपैठ का मौका मिलते ही वह नापाक कोशिश कर सकते हैं. घुसपैठ के लिये इन जगहों का चयन करने के बड़ी वजह यह भी है कि अब जम्मू कश्मीर के ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने के कारण घुसपैठ करना काफी मुश्किल हो गया हैं. कई जगहों पर फॉरवर्ड पोस्ट पर तो बर्फ की मोटी परत जम गई हैं. इसी वजह से जम्मू के कठुआ जिले से सटे पंजाब के गुरदासपुर और पठानकोट क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. यही वजह है कि इंटरनेशनल बॉर्डर पर बीएसएफ के साथ-साथ पंजाब पुलिस भी पूरी तरह हाई अलर्ट पर है.
पठानकोट के सरहदी इलाकों में कमांडो तैनात
खबर है कि पंजाब पुलिस ने पठानकोट के सरहदी इलाकों में कमांडो तैनात कर दिये हैं. सूत्रों के मुताबिक, एक संदिग्ध व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है. इसके अलावा बॉर्डर से सटे कई गांवों और जंगलों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. खासकर रात के समय सरहद पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, क्योंकि आतंकियों के घुसपैठ की आशंका सबसे ज्यादा इसी दौरान होती है. वैसे खबरों के मुताबिक, करीब दो साल पहले भी आतंकियों ने पठानकोट के रास्ते से ही घुसपैठ की थी. सुरक्षा बलों से बचने के लिये उस दौरान आतंकियों ने गांव और पहाड़ी रास्तों का इस्तेमाल किया था. पिछले बार की घटना से सबक लेते हुए इस बार सुरक्षा एजेंसियां कोई भी चूक नहीं करना चाहतीं.
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विशेष विंटर मैनेजमेंट रणनीति भी लागू
बीएसएफ के सूत्रों का कहना है कि उसके जवान चौबीसों घंटे सतर्क है. कड़ाके की ठंड और धुंध भी जवान सरहद की रखवाली में डटे है. आतंकियों की हर प्रयास को बीएसएफ नाकाम करने के लिये हमेशा तत्पर है. बीएसएफ के साथ बार्डर पुलिस, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) और विलेज डिफेंस गार्ड (वीडीजी) मिलकर निगरानी कर रहे हैं. यही नहीं सीमा पर मानसून में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई बाड़ और सीमा चौकियों की मरम्मत कर ली गई है. जम्मू और पंजाब के बीएसएफ अधिकारी आपस में लगातार संपर्क में हैं और वरिष्ठ अधिकारी खुद सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर रहे हैं. सरकार ने सर्दियों को देखते हुए विशेष विंटर मैनेजमेंट रणनीति भी लागू कर दी है.














