बीजेपी (BJP) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान (Rajasthan) की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की पार्टी में भूमिका को लेकर पिछले कुछ महीनों से खींचतान नजर आ रही है. राजे के समर्थक रोहिताश शर्मा जिन्होंने बयान दिया था कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के कद का कोई नेता नहीं है, उन्हें पार्टी ने सस्पेंड कर दिया है और अब बीजेपी दफ्तर के सामने से उनका पोस्टर हटा दिया गया है. हालांकि, राजे ने साफ किया कि वो पोस्टर की राजनीति नहीं बल्कि लोगों के दिलों पर राज करने की राजनीति करती हैं.
राजस्थान के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने अपने गृह जिले झालावाड़ पहुँची वसुंधरा राजे ने शहर के डाक बंगले में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता से भी मुलाकात की और उनके अभाव अभियोग सुने. इस दौरान वसुंधरा राजे से मिलने के लिए डाक बंगले में सुबह से ही लोग जमा होने शुरू हो गए थे. जिले के दूरदराज इलाकों से भी बीजेपी कार्यकर्ता वसुंधरा राजे से मिलने जिला मुख्यालय पहुंचे थे.
इस दौरान वसुंधरा राजे ने विधानसभा वार पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और जिले के विभिन्न मुद्दों को लेकर फीडबैक लिया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ के हालात के साथ बीजेपी में चल रहे पोस्टर विवाद पर भी बातचीत की.
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राजे ने कहा कि पिछले दो दिनों में उन्होंने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का सर्वेक्षण किया है. झालावाड़, बारां समेत हाड़ौती अंचल में हालात काफी खराब हैं. उन्होंने कहा कि जिले मे खेतों, मकानों, जानवरों को काफी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा, "मैंने पिछले कई सालों में ऐसे खराब हालात नहीं देखे, ऐसे में सरकार बाढ़ पीड़ित हर वर्ग को तुरंत राहत प्रदान करे. प्रारंभिक तौर पर सरकार तुरंत 2 माह के बिजली के बिल माफ करे और अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में भोजन के पैकेट की भी व्यवस्था करे."
पोस्टर विवाद पर उन्होंने कहा, "मैं पोस्टर की राजनीति में कभी विश्वास नहीं करती. अपने 30 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने हमेशा लोगों के दिलों में जगह बनाने की कोशिश की है. मेरी मां राजमाता सिंधिया ने भी शुरू से मुझे यही सिखाया है कि लोगों के दुख दर्द बांट कर उन्हें अपने गले से लगाओ और उनके दिलों में जगह बनाओ. जब लोगों के दिलों में जगह बन जाती है तो वहीं से राजनीति होती है." राजे ने कहा पॉलिटिक्स ही सबकुछ नही होती, जब आप लोगों को गले से लगाते हैं तो राजनीति शुरू हो जाती है.
बता दें कि इसी साल मार्च में वसुंधरा राजे ने अपने जन्म दिवस पर भी भरतपुर इलाक़े में एक यात्रा की थी. कई लोगों ने इसे एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा था क्योंकि इसमें वसुंधरा समर्थक ही नज़र आए थे लेकिन उस वक्त राजे ने इसे शक्ति नहीं बल्कि भक्ति प्रदर्शन का नाम दिया था. इस बार फिर राजे के समर्थक नेता और कार्यकर्ता जुटे हैं.