लैंड फॉर जॉब मामला: कोर्ट ने तेजस्वी यादव को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जाने की दी अनुमति

यात्रा का उद्देश्य एशियाई विकास बैंक और बिहार राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित छह-लेन गंगा पुल परियोजना के हिस्से के रूप में सड़कों और पुलों के निर्माण से संबंधित है.

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कोर्ट ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को 6 से 18 जनवरी 2024 तक विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है.
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  • तेजस्वी यादव को कोर्ट से बड़ी राहत
  • 25 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया
  • विदेश यात्रा की मिली अनुमति
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नई दिल्ली:

लैंड फॉम जॉब मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की एक अदालत ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाले के आरोपी बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को 6 से 18 जनवरी 2024 तक विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है.

 25 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया
राउज एवेन्यू अदालत के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने (Vishal Gogne) ने शुक्रवार को तेजस्वी यादव की ऑफिशियल विजिट पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की यात्रा की याचिका स्वीकार कर ली. अदालत ने उन्हें 25 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है. यात्रा का उद्देश्य एशियाई विकास बैंक और बिहार राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित छह-लेन गंगा पुल परियोजना के हिस्से के रूप में सड़कों और पुलों के निर्माण से संबंधित है.

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जाने की अनुमति मिली

तेजस्वी यादव को 6 से 18 जनवरी, 2024 तक आधिकारिक यात्रा के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की यात्रा करनी है. तेजस्वी यादव के वकील ने कोर्ट में यहा बताया कि वह बिहार राज्य के सड़क निर्माण विभाग के चार वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और 16 इंजीनियरों की एक टीम का नेतृत्व करेंगे. कोर्ट ने उन्हें एक साल के लिए अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने की इजाजत दे दी है. हालांकि, तेजस्‍वी के वकील ने उनके पासपोर्ट को पूरे 10 साल के कार्यकाल के लिए नवीनीकृत करने की अनुमति की मांग की थी, क्योंकि तेजस्वी यादव को विभिन्न देशों की लगातार यात्राएं करनी पड़ती हैं.

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ये है मामला

आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी' पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी ए. के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की थी.

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