तमिलनाडु पुलिस ( Tamil Nadu Police) अधिकारियों के मुताबिक कल्लाकुरिची (Kallakurichi) के पास सोमवार को एक स्कूल के दो शिक्षकों (Teachers) को एक छात्रा की मौत के मामले में हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने बताया कि 17 जुलाई को हुई हिंसक घटनाओं में शामिल होने और स्कूल में तोड़फोड़ करने के आरोप में करीब 300 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और उनसे पूछताछ जारी है. अधिकारियों के मुताबिक, स्कूल प्रबंधन में वरिष्ठ पदों पर आसीन एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. छात्रा के परिवार ने गणित और रसायन शास्त्र पढ़ाने वाले दो शिक्षकों पर लड़की को पढ़ाई के नाम पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
कल्लाकुरिची से करीब 15 किलोमीटर दूर चिन्नासेलम के कनियामूर इलाके के एक निजी आवासीय स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 17 वर्षीय लड़की 13 जुलाई को छात्रावास परिसर में मृत पाई गई थी. कल्लाकुरिची चेन्नई से लगभग 260 किलोमीटर दूर है. लड़की का कमरा छात्रावास की तीसरी मंजिल पर था. उसने ऊपरी मंजिल से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी. हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से संकेत मिला है कि मौत से पहले लड़की को कई चोटें आई थीं.
बहरहाल, मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) की तरफ से दोबारा पोस्टमॉर्टम (Post-Mortem) का आदेश दिया गया है. अदालत ने दंगाईयों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रशासन को कहा है.
लड़की के माता-पिता, रिश्तेदार और पेरियानासलूर के लोग उसकी मौत के मामले में तरह-तरह की आशंकाएं जताते हुए न्याय की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कल्लाकुरिची और कुड्डालोर, दोनों जिलों में प्रदर्शन जारी है।
गौरतलब है कि, कल्लाकुरिचि के निकट रविवार को एक छात्रा की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए रविवार को कई वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया. उन्होंने लड़की के स्कूल में तोड़फोड़ भी की. पुलिस ने हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं और निषेधाज्ञा लगा दी गयी। आसपास के इलाकों से पुलिस बल पहुंचने के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (MK Stalin) ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि दोषियों को दंडित किया जायेगा. अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने पुलिस, राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर लापरवाही बरतने और समय रहते कदम नहीं उठाने के आरोप लगाए हैं.