CM स्टालिन की आपत्ति के कुछ घंटे बाद ही तमिलनाडु के राज्यपाल ने ऑनलाइन गैंबलिंग बिल को दी मंजूरी

राज्यपाल ने कुछ दिन पहले एक बयान देकर एक नए विवाद को खड़ा कर दिया था. राज्यपाल ने सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों से बात करते हुए कहा था कि किस बिल को अपने पास रोके रखना उसे खारिज करने का सबसे अच्छा तरीका है.

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ऑनलाइन गैंबलिंग बिल को लेकर सीएम स्टालिन ने राज्यपाल पर साधा निशाना
नई दिल्ली:

तमिलनाडु में सीएम एमके स्टालिन और राज्य के गवर्नर आरएन रवि के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसकी एक बानगी सोमवार को उस वक्त देखने को मिली जब सीएम स्टालिन ने राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से आग्रह किया की वह राज्यपाल से कहें कि वह ऑनलाइन गैंबलिंग पर प्रतिबंध लगाने और ऑनलाइन गेम्स को रेगुलेट करने को लेकर राज्य सरकार के बिल को तय समय के अंदर ही मंजूरी दें. हालांकि, सीएम एमके स्टालिन के इस अनुरोध के कुछ घंटो के बाद ही राज्यपाल ने इस बिल को मंजूरी दे दी. बता दें कि पिछले महीने गवर्नर ने इस बिल को वापस कर दिया था. जबकि इस बिल को विधानसभा ने 131 दिन पहले ही पास कर दिया था. 

राज्यपाल ने कुछ दिन पहले एक बयान देकर एक नए विवाद को खड़ा कर दिया था. राज्यपाल ने सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों से बात करते हुए कहा था कि किस बिल को अपने पास रोके रखना उसे खारिज करने का सबसे अच्छा तरीका है. उन्होंने इस तरह के बिल को 'डेड बिल' भी कहा था. गौरतलब है कि बीते कुछ समय में ऑनलाइन गैंबलिंग और ऑनलाइन गेम्स में बड़ी रकम हारने के बाद तमिलनाडु में अलग-अलग जगह 41 लोगों ने आत्महत्या की थी.

हालांकि पिछली AIADMK सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने के लिए इसी तरह का कानून बनाया गया था, लेकिन एक अदालत ने उसे रद्द कर दिया था. सत्ता में आने के बाद डीएमके ने पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के चंद्रू के तहत विशेष रूप से गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर विधेयक तैयार किया.

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आज के घटनाक्रम को सत्तारूढ़ डीएमके और खासकर सीएम एमके स्टालिन के मनोबल को बढ़ाने वाले के रूप में देखा जा रहा है. स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल द्वारा विधेयकों को अनिश्चितकाल के लिए रोकना तमिलनाडु के लोगों के कल्याण के खिलाफ है. उनकी विवादास्पद टिप्पणियां सदन की गरिमा को कम करती हैं और संसदीय लोकतंत्र में विधायिका के वर्चस्व को कमजोर करती हैं. बता दें कि अभी भी राज्यपाल के पास 20 अन्य बिल पेंडिंग हैं.  जिनमें से कुछ ऐसे हैं जो उन्हें राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर के रूप में हटाने की मांग करते हैं. 

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वीडियो: तमिलनाडु के राज्यपाल के बयान पर क्यों मचा है बवाल?


 

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