आजादी के 75 साल पूरे होने पर आरएसएस द्वारा तमिलनाडु (Tamil Nadu) में 5 मार्च को रूट मार्च निकाले जाने की योजना है. राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 6 जिलों में मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी गई है. हालांकि मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) की डिवीजन बेंच ने मार्च को इजाजत दे दी थी. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर जल्द सुनवाई करने का फैसला लिया है.
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार 6 जिलों में मार्च को इजाजत नहीं दे सकती है. राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि आरएसएस के मार्च से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. हाईकोर्ट ने अनुमति देते हुए कहा था लोकतंत्र की बेहतरी के लिए विरोध भी जरूरी है.
गौरतलब है कि 4 नवंबर 2022 को मद्रास हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी मार्च पर रोक लगा दी थी. आरएसएस की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि था कि प्रशासन को कहा जाए कि गणवेश पहने स्वयंसेवकों को अलग अलग रूट पर मार्च करने की अनुमति दी जाए.
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