कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार को अन्नाद्रमुक और कोविड-19 महामारी की रोकथाम में मदद के लिए पहने जाने वाले मास्क के बीच तुलना करते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ‘महज मास्क' है और उसके पीछे आरएसएस और भाजपा है. एक विशाल जनसभा में यहां गांधी ने कहा कि इन दिनों लोगों को मास्क लगाए हुए देखा जा सकता है और इसकी वजह से लोगों की पहचान करनी मुश्किल हो जाती है.
उन्होंने कहा कि मास्क ‘कुछ चीज' छिपा देते हैं और व्यक्ति यह समझ नहीं पाता कि क्या सामने वाले व्यक्ति ने मुस्कान के साथ जवाब दिया या किसी और भाव से. उन्होंने कहा कि यह तुलना सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक को समझने के लिए अहम है.
तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में सेक्युलर प्रोग्रेसिव एलायंस (एसपीए) के पक्ष में वोट देने की अपील करते हुए कांग्रेस नेता ने भाजपा के चुनावी सहयोगी अन्नाद्रमुक पर निशाना साधा. यह पहली ऐसी जनसभा थी, जहां द्रमुक नीत एसपीए के सभी दलों के शीर्ष नेता मंच पर एकसाथ नजर आये. इस गठबंधन में कांग्रेस घटक दल है.
गांधी ने कहा, ‘‘यह पुरानी अन्नाद्रमुक नहीं है, कृपया भ्रमित न हों. यह वो अन्नाद्रमुक है जो मास्क लगाए हुए है. यह अन्नाद्रमुक जैसी दिखती है, लेकिन यदि आप मास्क हटायेंगे तो मास्क के पीछे आरएसएस और भाजपा नजर आयेगी.''
उन्होंने अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता के युग के अवसान का संकेत देते हुए दावा किया पुरानी अन्नाद्रमुक तो अब खत्म हो गयी. जयललिता की 2016 में मृत्यु हो गयी थी और उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का विरोध किया था.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह कोई खोखला आवरण है, जिसपर आरएसएस एवं भाजपा का नियंत्रण है. तमिलनाडु के लोगों को सावधान रहने और समझने की जरूरत है कि इस मास्क के पीछे क्या है और यह मास्क क्यों है? '' उन्होंने कहा कि वैसे तो कोई भी तमिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नहीं झुकेगा और न ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह या आरएसएस प्रमुख के चरण स्पर्श करेगा, तो ऐसे में सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री एवं अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता पलानीस्वामी क्यों उनके सामने दंडवत हो गये जबकि ऐसा समर्पण तमिल संस्कृति एवं परंपरा के विरूद्ध है.
उन्होंने कहा कि पलानीस्वामी मोदी के सामने झुकना नहीं चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा करना पड़ता है क्योंकि प्रधानमंत्री के नियंत्रण में प्रवर्तन निदेशालय एवं सीबीआई है. गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भ्रष्ट हैं और उनके पास विकल्प नहीं है. '' उन्होंने कहा कि हालांकि, इस समर्पण की कीमत बस तमिलनाडु की जनता द्वारा चुकायी जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह बहुत बड़ी कीमत है और तमिल भाषा, संस्कृति एवं इतिहास पर हमला हो रहा है और पलानीस्वामी केंद्र के इस हमले पर चुप हैं.
कांग्रेस नेता ने कृषि कानूनों को लेकर भी पलानीस्वामी को घेरा. उन्होंने कहा कि तमिल लोग प्यार एवं सम्मान करने पर कई गुणा प्यार एवं सम्मान देते हैं लेकिन आरएसएस और मोदी इस पहलू को अपने घमंड के चलते नहीं समझ पाते , परंतु चुनाव नतीजे के बाद वे इस बात को समझने को बाध्य हो जाएंगे.
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