तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्यपाल आर.एन. रवि के राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) समर्थक रुख की कड़ी निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल द्वारा आयोजित की जाने वाली चाय पार्टी का बहिष्कार करेगी. रवि ने दो दिन पहले कहा था कि ‘‘यदि उनके पास शक्ति हो'', तो वह नीट से राज्य को छूट देने के प्रावधान वाले राज्य सरकार के विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे. स्टालिन ने रवि के बयान की निंदा करते हुए कहा कि राज्यपाल के बयान ने विद्यार्थियों और युवाओं को स्तब्ध कर दिया है. यह विधेयक अभी राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए लंबित है.
स्टालिन ने कहा कि राष्ट्रपति को इसे मंजूरी देने का अनुरोध करते हए एक पत्र भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल का बयान गैर जिम्मेदाराना है और तमिलनाडु के सात साल पुराने नीट विरोधी संघर्ष को कमतर करता है.''
स्वतंत्रता दिवस से पहले जगदीश्वरन नामक एक विद्यार्थी और उसके पिता सेल्वाशेखर ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली है. जगदीश्वर नीट परीक्षा उत्तीर्ण कर एमबीबीएस करना चाहता था.
इस घटना का हवाला देते हुए स्टालिन ने सवाल किया कि क्या लोगों को दी गयी स्वतंत्रता सभी के लिए है या फिर चंद अमीरों के लिए है.
उन्होंने एक बयान में कहा, "तमिलनाडु में अनीता (अरियालूर जिले) से लेकर कई अमूल्य जिंदगियां (प्रतिभागियों की) नीट परीक्षा के चलते चली गयीं. उनकी मौतों से उठे नैतिक प्रश्नों से हमारा विवेक हिल गया."
मुख्यमंत्री ने कहा कि रवि इस बात का बिना अहसास किये निष्ठुरतापूर्वक नीट के समर्थन में बयान दे रहे हैं कि कैसे गरीब, साधारण एवं मध्यवर्गीय पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थी इस परीक्षा के कारण अच्छा मौके गंवा दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि नीट के कारण छात्रों की मौत के प्रति राज्यपाल की गतिविधियां उदासीन प्रतीत होती हैं.
स्टालिन ने कहा कि आम तौर पर द्रमुक सरकार ‘आर्य और द्रविड़' तथा ‘सनातनम' जैसे विषयों पर रवि की राजनीतिक टिप्पणियों को नजरअंदाज करती है लेकिन राज्यपाल अगर कहते हैं कि वह हाशिये पर पड़े लोगों के चिकित्सा की पढ़ाई करने के सपने को नष्ट कर देंगे, तो “हम इसे शिक्षा विभाग से जुड़ी एक साजिश मानते हैं.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि रवि उच्च शिक्षा विभाग में भी भ्रम पैदा कर रहे हैं, राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों को बर्बाद कर रहे हैं और विधानसभा से पारित विधेयकों को अपनी मंजूरी नहीं दे रहे हैं लेकिन उनकी नीट समर्थक टिप्पणी तो अति है, यह विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के सपनों को ‘‘नष्ट'' करने के समान है.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के सार्वजनिक नीट समर्थक रुख का राज्य सरकार द्वारा विरोध करने लिए ‘‘हमने 15 अगस्त को राजभवन में उनकी मेजबानी में आयोजित की जाने वाली चाय पार्टी का बहिष्कार करने का फैसला किया है.''
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