चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के चलते केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मिला तमिलनाडु भाजपा प्रमुख को स्थान

भाजपा प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा कि मुरुगन परिश्रमी, अत्यंत सक्रिय और ऊर्जावान युवा हैं. जब उन्हें पार्टी ने अपना प्रदेश प्रमुख बनाया तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया.

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एल मुरुगन को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में स्थान प्राप्त हुआ.
चेन्नई:

 तमिलनाडु में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा दो दशक बाद चार सीट जीतने में सफल रही और राज्य के पार्टी प्रमुख एल मुरुगन को इसी के पुरस्कार स्वरूप बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में स्थान प्राप्त हुआ. मुरुगन जब मार्च 2020 में भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष बने थे तब उनके पास विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए मुश्किल से एक साल का समय था. राज्य में द्रविड़ विचारधारा की गहरी जड़ों के चलते हिन्दुत्व को आगे रखने वाली पार्टी का नेतृत्व करना मुरुगन के लिए कोई आसान काम नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत जरूरत पड़ने पर ‘सॉफ्ट द्रविड़ विचारधारा' को अपनाने में झिझक नहीं दिखाई और इसके साथ ही अपनी पार्टी के राष्ट्रवाद को भी बरकरार रखा. मुरुगन को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में स्थान मिलने पर राजनीतिक विश्लेषक सुमंत रमण ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रमुख ने कठिन परिश्रम किया जिसकी वजह से पार्टी को राज्य में चार विधानसभा सीटों पर जीत मिली और चुनाव में वह खुद भी बहुत कम मतों के अंतर से हारे थे.

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भाजपा प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा कि मुरुगन परिश्रमी, अत्यंत सक्रिय और ऊर्जावान युवा हैं. जब उन्हें पार्टी ने अपना प्रदेश प्रमुख बनाया तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया. बीस साल से अधिक समय से जमीनी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे दलित नेता मुरुगन भाजपा में शामिल होने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे. उन्हें उनके संगठनात्मक कौशल के लिए भी जाना जाता है. वह धारापुरम (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र से 1,393 मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

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द्रमुक सहयोगी के रूप में भाजपा 2001 के विधानसभा चुनाव में चार सीट जीतने में कामयाब रही थी. इस बार अन्नाद्रमुक सहयोगी के रूप में भाजपा ने जीत की वही कहानी दोहराई और चार सीटों पर जीत दर्ज की. तमिलनाडु के नामक्कल जिला निवासी 44 वर्षीय अधिवक्ता मुरुगन प्रदेश भाजपा प्रमुख बनने से पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष थे. उन्हें अब भाजपा शासित किसी राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित किए जाने की उम्मीद है.
कानून में स्नातकोत्तर मुरुगन ने मानवाधिकार कानूनों में डॉक्टरेट की है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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