- ताजमहल की नींव में उपयोग की गई लकड़ियाँ नमी में भी मजबूत रहती हैं और यमुना का जल इन्हें सड़ने से बचाता है.
- यमुना नदी का प्रदूषित जल संगमरमर की सतह को नुकसान पहुंचा सकता है और ताजमहल के लिए खतरा बन सकता है.
- यमुना का जलस्तर कम होने पर ताजमहल की नींव की लकड़ी सूख सकती है जिससे संरचना कमजोर होने का खतरा रहता है.
आगरा में इन दिनों यमुना अपने उफान पर है और इसी उफान के बीच ताजमहल का नजारा और भी मनमोहक हो गया है. ऐसा प्रतीत होता है मानो यमुना की लहरों पर शाहजहां का सपना और उसकी मोहब्बत तैर रही हो. लेकिन इस खूबसूरत दृश्य के बीच एक बड़ा सवाल भी उठता है. क्या यमुना का बढ़ा हुआ पानी ताजमहल के लिए खतरा है या फिर इससे उसे कोई फायदा पहुंचता है? और सबसे अहम सवाल, शाहजहां ने आखिरकार ताजमहल को यमुना किनारे ही क्यों बनवाया? आज हम आपको इन सवालों के जवाब देंगे और विस्तार से समझाएंगे कि ताज और यमुना का यह रिश्ता केवल एक संयोग नहीं, बल्कि गहरी सोच और वास्तुकला का हिस्सा है.
Taj Mahal : ताजमहल का ऐतिहासिक महत्व
ताजमहल, आगरा में स्थित एक विश्व विख्यात स्मारक है, जिसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल की स्मृति में बनवाया था. इसकी नींव 1632 में रखी गई और मुख्य मकबरे का निर्माण 1648 तक पूरा हुआ. इसके आसपास के बगीचे और अन्य संरचनाएं 1653 तक तैयार हुईं. ताजमहल मुगल स्थापत्य कला का शानदार उदाहरण है, जो प्रेम, सौंदर्य और वास्तुशिल्प की उत्कृष्टता का प्रतीक है. मुमताज महल की 1631 में मृत्यु के बाद शाहजहां ने इस स्मारक के निर्माण का निर्णय लिया, जो आज यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है.
यमुना नदी... ताजमहल के लिए वरदान या अभिशाप?
यमुना नदी का ताजमहल के साथ गहरा संबंध है, जो इसके लिए लाभकारी और हानिकारक दोनों हो सकता है. यमुना का जल ताजमहल की नींव में लगा लकड़ी को नम रखता है, जो इसकी मजबूती के लिए आवश्यक है. यह नमी संगमरमर की दीवारों को भी संरक्षित रखने में मदद करती है. हालांकि, यमुना के प्रदूषित जल से ताजमहल को नुकसान का खतरा भी है. नदी में मौजूद रसायन और कीटाणु संगमरमर की सतह को काला कर सकते हैं. साथ ही, बाढ़ की स्थिति में अत्यधिक पानी ताजमहल के आसपास की संरचनाओं को क्षति पहुंचा सकता है. इसके विपरीत, यमुना का जलस्तर कम होने पर नींव की लकड़ी सूख सकती है, जिससे संरचना कमजोर हो सकती है. इसके अलावा, नदी के सूखने से उड़ने वाली धूल ताजमहल की दीवारों पर जमा होकर उन्हें नुकसान पहुंचाती है.
ताजमहल की नींव की मजबूती
ताजमहल की नींव अत्यंत मजबूत है और यमुना के जल का इस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता. नींव में महोगनी और आबनूस जैसी लकड़ियों का उपयोग किया गया है, जो पानी में सड़ती या खराब नहीं होतीं. 1990 में आईआईटी रुड़की के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि ये लकड़ियां नमी में भी अपनी मजबूती बनाए रखती हैं. इसके अतिरिक्त, ताजमहल की सुरक्षा के लिए इसके आसपास 42 कुएं बनाए गए थे, जो नींव को स्थिर रखने में सहायक हैं.
यमुना का बदलता स्वरूप
पुराने समय में यमुना नदी आगरा की जीवनरेखा थी. ताजमहल के निर्माण के दौरान यह नदी न केवल इसकी सुंदरता को बढ़ाती थी, बल्कि जल परिवहन और कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण थी. ऐतिहासिक दस्तावेजों में यमुना का बहाव ताजमहल के ठीक नीचे दिखाया गया है. लेकिन हाल के दशकों में नदी का जलस्तर लगातार कम हुआ है. गर्मियों में नदी का तल सूख जाता है, जिससे ताजमहल के पीछे का क्षेत्र बंजर दिखता है. बढ़ता प्रदूषण, अवैध निर्माण और जल प्रबंधन की कमियां यमुना को एक संकटग्रस्त नदी में बदल रही हैं.
शाहजहां ने यमुना किनारे ताजमहल क्यों बनवाया?
आगरा में ताजमहल के निर्माण के पीछे कई कारण थे. उस समय आगरा मुगल साम्राज्य की राजधानी थी और शाहजहां का शाही दरबार यहीं था. यमुना नदी का किनारा निर्माण के लिए आदर्श था, क्योंकि यहाँ संगमरमर और अन्य सामग्रियों की आपूर्ति आसान थी. इसके अलावा, कुशल कारीगरों की उपलब्धता और यमुना का शांत प्रवाह ताजमहल की सुंदरता को और बढ़ाता था. यमुना का जल न केवल सौंदर्य प्रदान करता था, बल्कि नींव की स्थिरता के लिए भी उपयुक्त था.