मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति के लिए अदालत का रुख किया है.इसके लिए उसने अपने वकील के जरिए पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर की है.उसकी याचिका पर 23 अप्रैल को सुनवाई होगी. उसी दिन इस मामले की जांच कर रही एनआईए अपना पक्ष रखेगी.
किस अदालत में दायर की है याचिका
राणा ने 19 अप्रैल को अपने वकील के माध्यम से पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष याचिका दायर की है. अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को 23 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को 10 अप्रैल को एक अदालत ने 18 दिन की हिरासत में भेज दिया था.
एनआईए ने आरोप लगाया है कि आपराधिक साजिश के तहत आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी. एनआईए ने राणा की रिमांड का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि संभावित चुनौतियों की आशंका के चलते हेडली ने राणा को एक ईमेल भेजा था. इसमें उसके सामान और संपत्तियों का ब्यौरा था.
एनआईए ने तहव्वुर राणा पर क्या आरोप लगाए हैं
एनआईए ने आरोप लगाया कि हेडली ने राणा को इस साजिश में पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान के शामिल होने के बारे में भी बताया था, जो इस मामले में आरोपी है.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद, मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी राणा को भारत लाया गया था.
दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को अरब सागर में समुद्री मार्ग के जरिए मुंबई में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो होटल और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था. करीब 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और दो सौ से अधिक लोग घायल हुए थे. मरने वालों में मुंबई पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.
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