"181 महिला हेल्पलाइन को बंद करना भयावह है": स्वाति मालीवाल ने CM केजरीवाल को लिखा पत्र

मालीवाल का पत्र दिल्ली महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत के उस बयान के एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 181 हेल्पलाइन अब डीसीडब्ल्यू के बजाय उनके विभाग द्वारा संचालित की जाएगी.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
I : स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल को लिखा पत्र, डीसीडब्ल्यू के 'व्यवस्थागत क्षरण' पर रोक लगाने की मांग
नई दिल्ली:

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आग्रह किया है कि वो 181 महिला हेल्पलाइन के बंद होने और आयोग (डीसीडब्ल्यू) के 'व्यवस्थागत क्षरण' पर ध्यान दें और जरूरी कदम उठाएं. उन्होंने केजरीवाल को लिखे पत्र में कई गंभीर आरोप लगाए हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में मालीवाल ने डीसीडब्ल्यू के समक्ष आ रही कई समस्याओं का जिक्र किया, जिनमें धन की कमी, बजट में कटौती और कर्मचारियों को हटाना शामिल है. मालीवाल ने पत्र में कहा कि डीसीडब्ल्यू प्रमुख का पद तब से खाली पड़ा है, जब से उन्हें आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया.

"181 महिला हेल्पलाइन को बंद करना भयावह"

उन्होंने पत्र में आगे लिखा, "जनवरी 2024 में अध्यक्ष पद से मेरे इस्तीफे के बाद से दिल्ली सरकार किस तरह डीसीडब्ल्यू को व्यवस्थित रूप से खत्म कर रही है, यह बेहद अफसोस की बात है. 2015 से मैंने जो व्यवस्था कड़ी मेहनत से बनाई थी, उन्हें सरकार द्वारा नष्ट किया जा रहा है. ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा करने वाली प्रणालियों की देखभाल करना आपकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. 181 महिला हेल्पलाइन को बंद करना 'भयावह' है, बलात्कार और अन्य अपराधों की पीड़िता पिछले 48 घंटों से महत्वपूर्ण सहायता के बिना हैं."

मालीवाल का पत्र दिल्ली महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत के उस बयान के एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 181 हेल्पलाइन अब डीसीडब्ल्यू के बजाय उनके विभाग द्वारा संचालित की जाएगी. इसको लेकर मालीवाल ने पत्र में कहा, "आयोग को सूचित किया गया है कि यह आदेश संबंधित मंत्री की मंजूरी के बाद जारी किया गया. माना जाता है कि यह केंद्र सरकार के निर्देश का अनुपालन है, जिसमें कहा गया है कि 181 महिला हेल्पलाइन को राज्यों में महिला एवं बाल विकास विभागों द्वारा चलाया जाना चाहिए. डीसीडब्ल्यू महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में काम करता है. इसलिए हेल्पलाइन को आयोग से अपने नियंत्रण में लेने की कोई जरूरत नहीं थी."

Advertisement

मालीवाल ने आगे कहा कि पिछले छह महीनों में फंडिंग में कमी ने आयोग को पंगु बना दिया है. आयोग की समर्पित महिला ग्राउंड स्टाफ सदस्य, जिनमें से कई एसिड हमलों और यौन उत्पीड़न जैसे अत्याचारों की पीड़िता हैं, नवंबर 2023 से अपने उचित वेतन से वंचित हैं. आयोग के बजट में अप्रत्याशित रूप से 10 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई, जो 28.5 प्रतिशत है.

Advertisement

"डीसीडब्ल्यू के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली"

मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, "डीसीडब्ल्यू की कर्मचारियों को छह महीने से सैलरी नहीं मिली. इस स्टाफ में एसिड अटैक और रेप सर्वाइवर्स हैं. आयोग में आज कागज और स्टेशनरी खरीदने तक का पैसा नहीं बचा. आयोग का बजट 28 प्रतिशत घटा दिया गया. छह महीने से अध्यक्ष पद पर नियुक्ति नहीं हुई. डेढ़ साल से दलित मेंबर सहित दो मेंबर का पद खाली है. डीसीडब्ल्यू की सबसे शानदार 181 हेल्पलाइन को बंद किया गया. मेरी दिल्ली सरकार से अपील है कि महिला सुरक्षा के लिए अहम कार्य करने वाले डीसीडब्ल्यू पर ताला लगाने का प्रयास बंद करे."

Advertisement

ये भी पढ़ें- हिंदू और हिंसा की बात कर क्या राहुल गांधी ने सेल्फ गोल कर दिया, क्या पड़ेगा चुनावों पर असर

Advertisement

Video : होई वही जो राम रचि राखा.. Ayodhya की हार पर अखिलेश यादव ने BJP को छेड़ा

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
25 Seconds News Reel: China On Pahalgam Attack | Deadline Ends For Pakistan Citizens | Jammu Kashmir