- ईडी ने सुरेश रैना को अवैध सट्टेबाजी एप मामले में बयान दर्ज कराने के लिए कार्यालय बुलाया है
- वनएक्सबेट प्लेटफॉर्म को कौशल-आधारित खेल बताकर भारतीय कानूनों के तहत गैरकानूनी माना गया है
- सुरेश रैना को वनएक्सबेट ने रेस्पॉन्सिबल गेमिंग एंबेसडर के रूप में नामित किया था
ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में क्रिकेटर सुरेश रैना भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. रैना बुधवार सुबह 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे. बता दें कि युवराज सिंह, शिखर धवन और कुछ फिल्मी सितारें भी जांच के दायरे में है. बता दें कि सुरेश रैना पर बैटिंग एप 1xBET ऐप को प्रमोट करने का आरोप है. वह इसके ब्रांड एंबेसडर हैं. कई सेलेब्रिटी इस बेटिंग ऐप के जांच के दायरे में आ चुके हैं. रैना को ईडी के कड़े सवालों का जवाब देना होगा. बता दें कि ईडी 1xBET, foreplay, lotus65 और अन्य बैटिंग एप की जांच मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अलग अलग कर रही है. इसमें दक्षिण भारत के सिलेब्रिटीज से लेकर क्रिकेटर और बॉलीवुड के सितारे जांच के दायरे में है. ऐसे ही मामलों में ED गूगल-मेटा को समन जारी कर चुकी है.
भारत में 22 करोड़ लोग किसी न किसी ऑनलाइन सट्टेबाज़ी ऐप से जुड़े हैं. इनमें से 11 करोड़ लोग रेगुलर यूजर हैं यानी हर दिन सट्टा लगाते हैं. साल 2025 के पहले तीन महीनों में ही 1.6 अरब बार लोगों ने इन गैरकानूनी सट्टा वेबसाइट्स को विज़िट किया है.
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाज़ी का बाजार अब 100 अरब डॉलर (₹8.3 लाख करोड़) से ज्यादा का हो चुका है और हर साल 30% की रफ्तार से बढ़ रहा है. अनुमान है कि टॉप सट्टा ऐप्स हर साल 27,000 करोड़ रुपये टैक्स की चोरी कर रहे हैं.
"फास्ट मनी" का झांसा, टूटते परिवार
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जुए की लत एक मानसिक बीमारी है, जो डिप्रेशन, तनाव और आत्महत्या तक ले जाती है. भारत में हजारों युवा, छात्र और गृहिणियां ऑनलाइन सट्टेबाज़ी में पैसे हारकर आत्महत्या कर चुके हैं. एक जनहित याचिका के मुताबिक सिर्फ तेलंगाना में 1,023 आत्महत्याएं ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ी हैं.
स्कूल के बच्चे क्लास छोड़कर सट्टा लगाते हैं. कॉलेज स्टूडेंट अपनी फीस तक जुए में झोंक देते हैं. बेरोजगार युवा इसे "कमाई का साधन" मान लेते हैं. लोग परिवार से झूठ बोलते हैं, चोरी करते हैं और कर्ज में डूब जाते हैं.
सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान ED इन अहम सवालों के जवाब तलाशेगी
- आपने 1xBet ऐप के प्रचार या प्रमोशन में क्या भूमिका निभाई?
- क्या आपने इसके अलावा किसी और ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म का भी प्रचार किया?
- क्या आपको पता था कि 1xBet जैसे प्लेटफॉर्म भारत के कानून के तहत गैर-कानूनी जुआ श्रेणी में आते हैं?
- क्या आपके पास 1xBet या इसके ‘सरोगेट' प्लेटफॉर्म (जैसे 1xbat) से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट, एग्रीमेंट या पैसों के लेन-देन से जुड़े दस्तावेज हैं?
- क्या आपको पता था कि विज्ञापनों में अलग-अलग नाम (जैसे 1xbat) या QR कोड का इस्तेमाल कर लोगों को असली गैर-कानूनी बेटिंग साइट पर भेजा जा रहा है?
- आपको इन विज्ञापनों के बदले भुगतान किस तरह और किस कंपनी/अकाउंट के जरिए किया?
- क्या आपने या आपके प्रतिनिधियों ने इन प्लेटफॉर्म की कानूनी स्थिति की जांच की थी?
- क्या आपको यह जानकारी थी कि इन प्लेटफॉर्म के एल्गोरिद्म इस तरह सेट होते हैं कि ये जुआ की श्रेणी में आते हैं, न कि स्किल-बेस्ड गेम्स में?
- क्या आपने सीधे या परोक्ष रूप से 1xBet के ऑपरेटर्स से बातचीत की थी?
- क्या आपने इनका प्रचार उन राज्यों में भी किया, जहां ऑनलाइन बेटिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है?
ED का कहना है कि इस जांच का मकसद यह पता लगाना है कि क्या मशहूर लोग जानबूझकर गैर-कानूनी प्लेटफॉर्म को प्रमोट कर रहे थे, या फिर वे इनकी असली गतिविधियों से अनजान थे. फिलहाल एजेंसी इस मामले में कई और सेलेब्रिटीज से भी पूछताछ कर सकती है.