कांग्रेस सासंद राहुल गांधी को 2019 में दर्ज 'मोदी सरनेम' वाले आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात के सूरत की जिला कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई. हालांकि, बाद में राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत मिल गई. यह मामला राहुल गांधी द्वारा दिए गए ‘मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी से जुड़ा है. राहुल गांधी को 30 दिनों के लिए जमानत देते हुए और निर्णय के खिलाफ अपील उच्च न्यायालय में करने की अनुमति दी गई. राहुल गांधी आज सुबह ही सूरत पहुंचे और राज्य में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उनका स्वागत किया.
यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था. राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे. अर्जुन मोढवाडिया ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सत्य की परीक्षा होती है और उसे परेशान किया जाता है, लेकिन सत्य की ही जीत होती है. गांधी के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन वह इन सबसे बाहर निकलेंगे. हमें न्याय मिलेगा.''
राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले को लेकर एक ट्वीट करके प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कोट को उदघृत करते हुए उन्होंने लिखा, "मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन."
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपनाम के बारे में टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराने के सूरत की अदालत के फैसले का स्वागत किया है. अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और उन्हें अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन की जमानत देने से पहले दो साल के कारावास की सजा सुनाई. सुशील मोदी ने NDTV से खास बातचीत में कहा, "मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं. मैं भी एक मोदी हूं. राहुल गांधी की टिप्पणी से मैंने भी खुद को अपमानित महसूस किया." बिहार से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि उन्होंने भी पटना में कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. उन्होंने कहा, "मैंने पटना में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है. मुझे उम्मीद है कि मुझे भी न्याय मिलेगा."
राहुल के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, "क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?" इस मामले में जब फैसला सुनाया गया, तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सूरत जिला न्यायालय में मौजूद रहे. इससे पहले उन्होंने कहा था कि कोई उन्हें जो सजा देगी, वो उन्हें मंजूर होगी.
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों को खत्म करने की साजिश हो रही है. कांग्रेस से मतभेद है, लेकिन राहुल गांधी को इस तरह से मानहानि के मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं है. हम अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फैसले से असहमत हैं.
राहुल के इस विवादित बयान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर की थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने उक्त टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी.
राहुल गांधी के वकील कीरिट पानवाला ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए आज यानि 23 मार्च की तारीख तय की थी.