Inside Story : CJI हर सवेरे 3.30 बजे लिखते थे चुनावी बॉन्ड पर फैसला, तीन महीने में तैयार किए 232 पेज

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनावी बॉन्‍ड योजना (Electoral Bonds) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड योजना को रद्द कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
सुबह फैसला सुनाने से पहले भी CJI चंद्रचूड़ ने फैसले को चेक किया और फाइनल किया.
नई दिल्ली:

चुनावी प्रक्रिया में ' सफाई' को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पीछे तीन महीने की अथक मेहनत लगी है. सुप्रीम कोर्ट के 232 पेज के फैसले में CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने 158 पेज लिखे हैं और बाकी जस्टिस संजीव खन्ना ने लिखे हैं. CJI चंद्रचूड़ ने अपने अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा के लिए फैसला लिखा है. हालांकि, सभी पांचों जजों  ने एक राय से चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया.

दरअसल, तीन दिनों की सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने 2 नवंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रखा था. सुप्रीम कोर्ट सूत्रों के मुताबिक तय किया गया था कि लोकसभा चुनाव से पहले ही इसका फैसला सुनाया जाए. सुनवाई पूरी होते ही इसके फैसले का ड्राफ्ट लिखने का काम शुरू कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री सूत्रों ने NDTV को बताया कि जजों द्वारा ड्राफ्ट पर सहमति बनते ही CJI चंद्रचूड़ ने फैसला लिखने की बड़ी कवायद शुरु की.

जानकारी के मुताबिक मामला बड़ा था और तमाम दस्तावेज, दलीलें और आंकड़ों पर विचार किया जाना था. CJI चंद्रचू़ड़, चूंकि न्यायिक कामकाज के अलावा प्रशासनिक काम भी देखते हैं तो दिन में वो फैसला लिखने का वक्त नहीं निकाल पाते थे. टॉप सूत्रों के मुताबिक इस फैसले के लिए CJI ने सवेरे का वक्त चुना और वो सुबह 3.30 बजे ही फैसला लिखने बैठ जाते थे. इसी तरह नवंबर से लेकर अब 15 फरवरी तक फैसला लिखने की कवायद की गई.

Advertisement

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की सुबह फैसला सुनाने से पहले भी CJI चंद्रचूड़ ने फैसले को चेक किया और फाइनल किया. इसके बाद सुबह पांच जजों के पीठ ने करीब 25 मिनट तक ये फैसला सुनाया. CJI के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना ने भी फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा पढ़ा. संविधान पीठ के फैसले की लाइव स्ट्रीमिंग भी की गई.

Advertisement

चुनावी बॉन्‍ड योजना रद्द: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनावी बॉन्‍ड योजना (Electoral Bonds) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड योजना को रद्द कर दिया है. चुनावी बॉन्‍ड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी साल में अंसवैधानिक करार देना, केंद्र सरकार को बड़ा झटका है.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- 
शरद पवार को नया झटका, महाराष्ट्र स्पीकर ने अजित पवार गुट को बताया 'असली NCP'

Featured Video Of The Day
Trump Vs Zelenskyy: ट्रंप रच रहे ज़ेलेंस्की को हटाने का खेल? | America | Ukraine | NDTV India