चुनावी बांड की संवैधानिक वैधता मामले में गुरुवार को फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि इस योजना में शेल कंपनियों के माध्यम से योगदान करने की अनुमति दी गई है. केंद्र सरकार ने इस योजना का बचाव यह सुनिश्चित करने की एक विधि के रूप में किया कि 'सफेद' धन का उपयोग उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से राजनीतिक वित्तपोषण के लिए किया जाए.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

चुनावी बांड की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी गुरुवार को फैसला सुनाएगा. तीन दिनों तक मामले की सुनवाई के बाद 2 नवंबर को मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ताओं के अनुसार, चुनावी बांड से जुड़ी गुमनामी राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता को प्रभावित करती है और मतदाताओं के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करती है.

याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि इस योजना में शेल कंपनियों के माध्यम से योगदान करने की अनुमति दी गई है. केंद्र सरकार ने इस योजना का बचाव यह सुनिश्चित करने की एक विधि के रूप में किया कि 'सफेद' धन का उपयोग उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से राजनीतिक वित्तपोषण के लिए किया जाए.

सरकार ने आगे तर्क दिया कि दानदाताओं की पहचान गोपनीय रखना जरूरी है, ताकि उन्हें राजनीतिक दलों से किसी प्रतिशोध का सामना न करना पड़े. सुनवाई के दौरान, पीठ ने योजना के बारे में केंद्र सरकार से कई प्रासंगिक सवाल उठाए, उसकी "चयनात्मक गुमनामी" को चिह्नित किया और यह भी पूछा कि क्या वह पार्टियों के लिए रिश्वत को वैध बना रही है.

⁠पीठ ने कहा कि सत्ताधारी दल के लिए दानदाताओं की पहचान जानना संभव है, जबकि विपक्षी दलों को ऐसी जानकारी नहीं मिल सकती. ⁠पीठ ने इस शर्त को हटाने पर भी सवाल उठाया कि कंपनियां अपने शुद्ध लाभ का अधिकतम 7.5% ही राजनीतिक दलों को दान कर सकती हैं. सुनवाई समाप्त करते हुए, पीठ ने भारत के चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक चुनावी बांड के माध्यम से सभी राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त योगदान का विवरण सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपने का भी निर्देश दिया.

संविधान पीठ ने तीन दिनों तक मामले की सुनवाई के बाद 2 नवंबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ता -एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), डॉ. जया ठाकुर - वित्त अधिनियम 2017 द्वारा पेश किए गए संशोधनों को चुनौती देते हैं, जिसने चुनावी बांड योजना का मार्ग प्रशस्त किया.
 

Featured Video Of The Day
Manmohan Singh Last Rites: Congress दफ्तर पहुंचा पार्थिव शरीर, सिर झुका कर किया गया सम्मान
Topics mentioned in this article