'आप भ्रष्ट व्यक्ति, खुद को दूसरे आरोपियों जैसा बताने पर शर्म आनी चाहिए': पार्थ चटर्जी से बोली SC

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चटर्जी का पक्ष रखने के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि पहली नजर में आप (चटर्जी) भ्रष्ट व्यक्ति हैं. आपके परिसर से करोड़ों रुपये बरामद हुए. आप समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं? भ्रष्ट व्यक्ति को इस तरह जमानत मिल सकती है?

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर नौकरी देने के बदले नकदी लेने के मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी से बुधवार को कहा,‘‘पहली नजर में आप भ्रष्ट व्यक्ति हैं. आपके परिसरों से करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं.'' न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने चटर्जी की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से उनके लगातार जेल में रहने पर सवाल उठाया और कहा कि उन्हें अनिश्चित काल तक कारागार में नहीं रखा जा सकता.

पीठ ने चटर्जी का पक्ष रखने के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, ‘‘पहली नजर में आप (चटर्जी) भ्रष्ट व्यक्ति हैं. आपके परिसर से करोड़ों रुपये बरामद हुए. आप समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं? भ्रष्ट व्यक्ति को इस तरह जमानत मिल सकती है?''

रोहतगी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को छोड़कर अन्य सभी सह-आरोपियों को मामले में जमानत दे दी गई है, जिनमें सबसे ताजा जमानत एक सप्ताह पहले दी गई है. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हर कोई मंत्री नहीं था, श्रीमान रोहतगी. आप शीर्ष पर थे. आप दूसरों के साथ समानता की मांग नहीं कर सकते. हां, आप जांच में देरी और अभियोजन पक्ष की भूमिका पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन मामले की गुण-दोष पर नहीं.''

ईडी का पक्ष रखने के लिए पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने दलील दी कि अगर चटर्जी को इस मामले में जमानत मिल जाती है तो भी वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के भी मामले चल रहे हैं.

रोहतगी ने राजू के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘ऐसा लग रहा है कि उन्हें परपीड़ा से बहुत आनंद मिल रहा है. अन्य मामलों में जो कुछ भी होता है, मैं उस पर नजर रखूंगा. मुझे कहीं से तो शुरुआत करनी होगी. वह किस तरह की दलील दे रहे हैं? मैं 2.5 साल से जेल में हूं.''

न्यायमूर्ति कांत ने राजू से जांच एजेंसी द्वारा जांच पूरी करने के लिए आवश्यक समय के बारे में पूछा. अदालत ने कहा कि उसे अधिकारों में संतुलन बनाना है. रोहतगी ने दलील दी कि नकदी उनके मुवक्किल से नहीं बल्कि एक कंपनी के परिसर से बरामद की गई.

Advertisement

इसपर पीठ ने कहा कि चटर्जी का कंपनी पर वास्तविक नियंत्रण था और संपत्तियां उनके और अर्पिता मुखर्जी के संयुक्त नाम से खरीदी गई थीं. पीठ ने रोहतगी से कहा, ‘‘मंत्री बनने के बाद आपने ‘डमी' लोगों को रखा. इससे पहले आपने खुद नियंत्रित किया. मामले 2022 के हैं. आप मंत्री थे, जाहिर है कि आप अपने खिलाफ जांच का आदेश नहीं देने जा रहे. न्यायिक हस्तक्षेप के कारण ही जांच शुरू हुई. आरोप है कि 28 करोड़ रुपये बरामद किए गए. निश्चित रूप से इतनी बड़ी राशि आवास में नहीं रखी गई होगी.''

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे यह जांच करने की जरूरत है कि क्या उन्हें रिहा करने से जांच और लगाई जाने वाली शर्तों पर कोई प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि उन्हें अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता. पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

Advertisement

शीर्ष अदालत ने 27 नवंबर की सुनवाई के दौरान धन शोधन के मामलों में दोषसिद्धि की कम दर पर ईडी से सवाल किया था और आश्चर्य जताया था कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री को कितने समय तक जेल में रखा जा सकता है.

चटर्जी को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की भर्ती में कथित अनियमितता के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

Advertisement

चटर्जी को गिरफ्तार किये जाने के बाद उन्हें ममता बनर्जी सरकार में मंत्री पद से हटा दिया गया जबकि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें महासचिव सहित सभी पार्टी पदों से भी हटा दिया.

Featured Video Of The Day
Sunil Pal Kidnaped: कैसे बच कर वापस आये कॉमेडियन सुनील पाल, कब, कैसे, कहां, क्या हुआ? | NDTV India
Topics mentioned in this article