ED निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

इस मामले में अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट में भरोसा दिया है कि नवंबर 2023 यानी तीसरे सेवा विस्तार की अवधि पूरी होने के बाद कोई नया विस्तार नहीं दिया जाएगा, क्योंकि सरकार कानून से परे नहीं जाएगी.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

प्रवर्तन निदेशालय यानि ED निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. इस मामले में तीन जजों की बेंच फैसला सुनाएगी. फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संजय करोल शामिल हैं. अदालत अपना फैसला दोपहर दो बजे सुनाएगी. 8 मई को ED निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढाने को चुनौती देने वाली 11  याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. 

अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट में भरोसा दिया है कि नवंबर 2023 यानी तीसरे सेवा विस्तार की अवधि पूरी होने के बाद कोई नया विस्तार नहीं दिया जाएगा, क्योंकि सरकार कानून से परे नहीं जाएगी. वहीं एमिकस क्यूरी रहे के वी विश्वनाथन ने कहा कि सरकार के अध्यादेश को रद्द किया जाए. सुनवाई के दौरान सरकार ने मिश्रा को दिए सेवा विस्तार को उचित ठहराते हुए दलील दी कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स फैट की वजह से स्थाई अधिकारी की आवश्यकता थी.

इसलिए उनको तीसरा सेवा विस्तार देना पड़ा. केंद्र सरकार ने नवम्बर 2021 में अध्यादेश के ज़रिए ED/CBI निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक रहने की व्यवस्था बनाई है.  कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला जया ठाकुर, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, साकेत  गोखले आदि ने इसके खिलाफ याचिका दायर की है. वहीं केंद्र का कहना  है कि याचिकाकर्ताओं की पार्टी के कई नेता ED जांच के दायरे में हैं. ये याचिकाएं दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपों का सामना कर रहे अपने  नेताओं को बचाने की कोशिश है.

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