- सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी तत्काल रिहाई की हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की है.
- वांगचुक की गिरफ्तारी को लोकतांत्रिक असहमति दबाने और पर्यावरण आंदोलन को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई बताया.
- गीतांजलि ने कहा कि पाक और चीन से जोड़कर आंदोलन को बदनाम करने के लिए झूठा और खतरनाक नैरेटिव फैलाया जा रहा है.
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीताजंलि ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका दाखिल कर उनके तत्काल रिहाई की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि वांगचुक की गिरफ्तारी 'लोकतांत्रिक असहमति और शांतिपूर्ण पर्यावरण आंदोलन को दबाने की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई' है. सोनम की पत्नी का कहना है कि पाकिस्तान और चीन लिंक का झूठा प्रचार करके गांधीवादी आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.
फैलाया जा रहा खतरनाक नैरेटिव
याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक 'झूठा और खतरनाक नैरेटिव' फैलाया जा रहा है. इससे उनके गांधीवादी आंदोलन को पाकिस्तान और चीन से जोड़कर बदनाम किया जा सके. उनका कहना है कि ऐसी दुर्भावनापूर्ण अफवाहें लोकतांत्रिक असहमति को कलंकित करने का प्रयास हैं. गीतांजलि के अनुसार वास्तव में, वांगचुक हमेशा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए काम करते रहे हैं. भारतीय सेना की मदद के लिए ऊंचाई वाले इलाकों में शेल्टर जैसी इनोवेटिव टेक्निक्स डेवलप की हैं.
गिरफ्तारी को बताया गैरकानूनी
पत्नी गीतांजलि का कहना है कि यह गिरफ्तारी गैरकानूनी है और डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी नहीं दी गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि अब तक न तो सोनम वांगचुक और न ही उनकी पत्नी को गिरफ्तारी आदेश या उसके आधार बताए गए हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन है.
पत्नी ने रखी 8 मांगे
सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में 8 मांगे रखीं हैं जो इस तरह से है-
- हैबियस कॉर्पस जारी कर सोनम वांगचुक को तत्काल सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया जाए.
- पत्नी को पति से फोन पर और व्यक्तिगत रूप से मिलने की अनुमति दी जाए.
- सोनम वांगचुक को उनकी दवाएं, कपड़े, भोजन और आवश्यक वस्तुएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं.
- गिरफ्तारी आदेश और उससे जुड़े सभी दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किए जाएं.
- गिरफ्तारी को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित किया जाए.
- सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई का आदेश दिया जाए.
- उनकी तात्कालिक मेडिकल जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जाए.
- हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) और उससे जुड़े छात्रों व सदस्यों के उत्पीड़न को रोका जाए.