सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) या विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने वाला है. न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करेंगे. याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए श्रीवास्तव द्वारा उल्लेख किये जाने पर शीर्ष अदालत इसकी सुनवाई करने को सहमत हो गई थी.
आलोक श्रीवास्तव द्वारा अपनी व्यक्तिगत क्षमता से दायर की गई याचिका में संदेशखाली हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजा और कर्तव्य में कथित लापरवाही को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी अनुरोध किया गया है. सुप्रीम में वकालत करने वाले श्रीवास्तव सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए शीर्ष अदालत में जनहित याचिकाएं दायर करते रहे हैं.
याचिका में, मामले की जांच और इसके बाद मुकदमे की सुनवाई पश्चिम बंगाल के बाहर स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया गया है. इसमें अनुरोध किया गया है कि तीन न्यायाधीशों की एक समिति जांच करे, जैसा कि मणिपुर हिंसा मामले में किया गया था.
संदेशखाली बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का एक गांव है. तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता द्वारा महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर वहां प्रदर्शन हुए हैं. कई स्थानीय महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने तथा यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाये हैं. शेख अभी फरार है.
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