धार्मिक नाम और चुनाव चिन्ह वाली पार्टियों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

याचिका में मांग की गई है कि जो राजनीतिक दल अपने नाम और चुनाव चिन्हों में धर्म और धार्मिक चिन्ह का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए

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सुप्रीम कोर्ट.
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  • सैयद वसीम रिजवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कदम उठाया
  • याचिकाकर्ता को राजनीतिक पार्टियों को पक्षकार बनाने की इजाज़त
  • सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) धार्मिक नामों और चुनाव चिन्ह (Religious names and symbols) वाली राजनीतिक पार्टियों (Political parties) के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. कोर्ट ने चार हफ्ते में जवाब मांगा है. 

सैयद वसीम रिजवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया है. याचिका में मांग की गई है कि जो राजनीतिक दल अपने नाम और चुनाव चिन्हों  में धर्म और धार्मिक चिन्ह का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए. इसमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी का हवाला दिया गया है. 

सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राजनीतिक पार्टियों को पक्षकार बनाने की इजाज़त दे दी है. 

याचिकाकर्ता की तरफ से वकील गौरव भाटिया ने कहा कि क्या राजनीतिक पार्टियां धार्मिक नाम का इस्तेमाल कर सकती हैं? गौरव भाटिया ने कहा कि कई राजनीतिक पार्टियां धार्मिक नाम और चिन्हों का इस्तेमाल करती हैं और उनके झंडों में चांद तारे का इस्तेमाल किया जाता है.

गौरव भाटिया ने कहा कि IUML के केरल में MP और MLA भी हैं, यह सीधे रूप से मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है.

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