Morbi bridge collapse : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि वह गुजरात के मोरबी में पुल गिरने की घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने संबंधी जनहित याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई करेगा. गौरतलब है कि मोरबी में मच्छु नदी पर बना ब्रिटिश युग का पुल रविवार को टूट कर गिर गया था. ताजा खबरों के अनुसार इस दुर्घटना में 134 लोगों की मौत हो गई है. प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ के समक्ष वकील विशाल तिवारी ने कहा कि उनकी जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए. इस पर पीठ ने कहा, “आप क्या चाहते हैं.” वकील ने कहा, “मैं उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में एक आयोग से न्यायिक जांच कराने की अपील कर रहा हूं.”पीठ ने कहा कि जनहित याचिका को 14 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.
तिवारी ने जनहित याचिका में कहा कि दुर्घटना के कारण पुल गिरा, जिसके परिणामस्वरूप 134 से अधिक लोग हताहत हुए. यह सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और पूरी तरह से उनकी विफलता को दर्शाता है.जनहित याचिका में कहा गया है कि पिछले एक दशक में हमारे देश में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें कुप्रबंधन, कामकाज में चूक और रखरखाव में लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने के मामले सामने आए हैं, जिन्हें टाला जा सकता था.
राज्य की राजधानी गांधीनगर से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित मोरबी में मच्छू नदी पर एक सदी से भी अधिक पुराना पुल पांच दिन पहले व्यापक मरम्मत और नवीनीकरण के बाद फिर से खोला गया था. 30 अक्टूबर की शाम करीब साढ़े छह बजे जब यह गिरा तब लोगों से खचाखच भरा हुआ था. याचिका में राज्यों को खतरे का सामना कर रहे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण व मूल्यांकन के लिए समिति बनाने और निर्माण दुर्घटना जांच विभाग गठित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है ताकि जब भी ऐसी घटनाएं हों तो त्वरित जांच की जा सके.
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