- सुप्रीम कोर्ट ने कुपवाड़ा के संयुक्त पूछताछ केंद्र में हुई हिरासत में यातना मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है.
- अदालत ने आरोपी पुलिस अधिकारियों को एक महीने के अंदर गिरफ्तार करने और तीन महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है.
- कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पीड़ित खुर्शीद अहमद चौहान को पचास लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित संयुक्त पूछताछ केंद्र में हिरासत में हुई यातना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है. साथ ही अदालत ने आरोपी अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी का भी निर्देश दिया है. इस मामले में अदालत ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को याचिकाकर्ता को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने के भी आदेश जारी किए हैं. 20 फरवरी 2023 से 26 फरवरी 2023 के दौरान कुपवाड़ा स्थित संयुक्त पूछताछ केंद्र में हिरासत के दौरान हिंसा हुई थी.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश जारी किया है. पीठ ने फैसला दिया कि सीबीआई निदेशक 20 फरवरी 2023 से 26 फरवरी 2023 की अवधि के दौरान कुपवाड़ा स्थित संयुक्त पूछताछ केंद्र में हिरासत में हुई हिंसा की घटना के संबंध में आरसीए दर्ज करेंगे.
तीन महीने में जांच पूरी करने के निर्देश
साथ ही अब तक की जांच में एकत्रित सभी सामग्री सक्षम अधिकारी को सौंपी जाएगी. सीबीआई निदेशक मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन करेंगे.
अदालत ने आदेश दिया कि हिरासत में यातना में शामिल पुलिस अधिकारियों को एक महीने के भीतर तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा और तीन महीने के भीतर जांच पूरी की जाएगी.
50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पीड़ित खुर्शीद अहमद चौहान को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है.
आरोप है कि पुलिस कांस्टेबल खुर्शीद अहमद चौहान को छह दिनों तक हिरासत में रखकर शारीरिक और मानसिक यातना दी गई थी.