सुप्रीम कोर्ट की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में मुख्‍य न्‍यायाधीश के कोर्ट रूम के बाहर बरामद बनाने पर रोक

चंडीगढ़ प्रशासन की दलील थी कि बरामदे के निर्माण से चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स की यूनेस्को विरासत स्थिति प्रभावित होगी. हाई कोर्ट चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है. 

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नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन को मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट रूम के बाहर बरामदा बनाने के निर्देश पर रोक लगा दी है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन की याचिका पर यह आदेश पारित किया है. चंडीगढ़ प्रशासन की दलील थी कि इस तरह के निर्माण से चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स की यूनेस्को विरासत स्थिति प्रभावित होगी. हाई कोर्ट चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है. 

आदेश का पालन न करने पर चंडीगढ़ के मुख्य अभियंता को हाई कोर्ट द्वारा जारी अवमानना ​​नोटिस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. कोर्ट ने प्रशासन की याचिका पर हाई कोर्ट और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस भी जारी किया है. 

29 नवंबर को दिया था निर्देश

दरअसल पिछले साल 29 नवंबर को हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह दो हफ्ते के भीतर कोर्ट रूम नंबर 1 के सामने बरामदे का निर्माण शुरू करें. उसके बाद चार सप्ताह के भीतर निर्माण की प्रक्रिया पूरी करें. यह आदेश परिसर में बुनियादी ढांचे से संबंधित एक मामले में पारित किया गया था. 

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यूनेस्‍को द्वारा विश्‍व धरोहर का दर्जा 

चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अथॉरिटी इमारत की अंतरराष्ट्रीय विरासत की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. बरामदे का निर्माण हमारे लिए अहंकार का विषय नहीं बन सकता है. मेहता ने कहा कि इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है. 

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