रेप मामले में दोषी नारायण साईं को दो हफ्ते के फरलॉ के HC के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता गुजरात हाईकोर्ट के जून के आदेश को चुनौती देने के लिए गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फरलॉ देने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की.

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गुजरात हाईकोर्ट ने नारायण साईं को 2 हफ्ते के लिए फरलॉ देने का आदेश दिया था
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court)  ने 2014 के रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम के बेटे नारायण साईं (Narayan Sai) को मिले दो हफ्ते के फरलॉ (Two-week furlough) के आदेश पर रोक लगा दी है. सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता गुजरात हाईकोर्ट के जून के आदेश को चुनौती देने के लिए गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फरलॉ देने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने गुजरात सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. दरअसल गुजरात हाईकोर्ट ने नारायण साईं को 2 हफ्ते के लिए फरलॉ देने का आदेश दिया था.

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गुजरात के सूरत स्थित आश्रम में दो बहनों से दुष्कर्म के मामले में निचली अदालत ने आसाराम के बेटे नारायण साईं को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.इस मामले की शिकायत साल 2013 में दर्ज कराई गई थी. अक्टूबर 2013 में नारायण साईं पर सूरत की रहने वाली महिला ने रेप का अरोप लगाया.पीड़िता नारायण साईं के आश्रम की साधिका थी और उसने नारायण साईं पर आश्रम में ही रेप का आरोप लगाया था.

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पीड़िता का ये भी आरोप था कि नारायण साईं कि ओर से उसे और उसके पिता को जान से मारने की धमकियां दी जा रही थीं.दिसंबर, 2013 में नारायण साई को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पीपली इलाके से गिरफ्तार किया गया था. 

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