आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. अदालत ने आंध्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के 6 महीने में अमरावती को ही राजधानी बनाने के आदेश पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
आंध्र सरकार की ओर से कोर्ट में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी घोषित किया गया था. सुनवाई के दौरान जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच ने कहा- 'अदालतें टाउन प्लानर नहीं बन सकतीं.'
आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राजधानी के विकेंद्रीकरण और साल 2020 तक राज्य के सभी इलाकों के समग्र विकास के लिए क़ानून पारित किया था. इस कानून के तहत आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होंगी और इसके साथ ही ऐसा करने वाला ये देश का पहला राज्य बन गया है.
अब आंध्र प्रदेश कार्यपालिका यानी सरकार विशाखापत्तनम से काम करेगी और राज्य विधानसभा अमरावती में होगी और हाई कोर्ट कुर्नूल में होगा. विपक्षी तेलुगूदेशम पार्टी ने इस कानून में संशोधन के लिए जितने प्रस्ताव रखे थे, उन्हें खारिज कर दिया गया.
व्यावहारिक अर्थों में कहें तो जगनमोहन सरकार ने अपनी राजधानी अमरावती से राज्य के उत्तर पूर्व में तटीय शहर विशाखापत्तनम शिफ़्ट कर दी है. प्रशासन की पूरी मशीनरी, राज्यपाल का दफ़्तर अब वहीं से काम कर रहा है. आंध्र प्रदेश के मध्य में स्थित अमरावती का इस्तेमाल अब केवल राज्य विधानसभा के सत्रों के लिए सिमट कर रह गया है. राज्य में इसका पुरजोर विरोध भी हो रहा है.
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