सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम, हाईकोर्टों में जजों की नियुक्ति के लिए समय सीमा तय की

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों पर अनिश्चितकाल के लिए नहीं बैठी रह सकती

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सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:

देश के सभी हाईकोर्टों (High Courts) में जजों की नियुक्ति (Judges Appointment) के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा कदम उठाते हुए नियुक्ति की समय सीमा जारी कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों पर अनिश्चितकाल के लिए नहीं बैठी रह सकती. देश के हाईकोर्ट संकट की हालात में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जजों कि नियुक्ति की समय सीमा जारी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा नामों को मंज़ूरी देने के तुरंत बाद केंद्र सरकार को नियुक्तियां करने के लिए तुरंत आगे बढ़ना चाहिए. यदि सरकार को कॉलेजियम की सिफारिशों पर कोई आपत्ति है, तो उसे विशिष्ट कारणों के साथ नामों को वापस भेजना चाहिए.

अदालत ने आदेश दिया कि एक बार सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने नामों को दोहरा दिया तो केंद्र को 3-4 सप्ताह के भीतर नियुक्ति करनी चाहिए. आईबी को हाईकोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश की तारीख से 4 से 6 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपनी चाहिए. केंद्र सरकार राज्य सरकार से विचार प्राप्ति की तारीख और आईबी से रिपोर्ट/ इनपुट से 8 से 12 सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट में सिफारिशों को भेजे. अगर सरकार को कोई आपत्ति है, तो इसी समय की अवधि के भीतर आपत्ति के कारणों को दर्ज कर इसे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के पास वापस भेजा जाए. 

कोर्ट ने कहा कि यदि  सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इनपुटों पर विचार करने के बाद भी, अभी भी सिफारिश को दोहराया है, तो ऐसी नियुक्ति 3 से 4 हफ्तों के भीतर की जानी चाहिए. भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि उपरोक्त समय-सीमा का पालन करना सही होगा.  

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हाईकोर्ट में  लगभग 40% रिक्तियां हैं, जिनमें से कई बड़े हाईकोर्ट अपनी स्वीकृत शक्ति के 50% के साथ काम कर रहे हैं. 

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