सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में पिछले सात सालों में कुत्तों के काटने की घटनाओं के आंकड़े मांगे

राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड कोर्ट को यह भी बताएगा कि पशुओं पर क्रूरता रोकने निषेध कानून 1960 की रोशनी में कोर्ट की ओर से और गाइड लाइन देने की जरूरत है क्या?

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड से देशभर में कुत्तों के काटने की घटनाओं के पिछले सात साल के आंकड़े तलब किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड से कहा है कि वे सभी राज्यों के प्रमुख शहरों में पिछले सात साल में कुत्तों के काटने की घटनाओं का ब्योरा दें. बोर्ड कोर्ट को यह भी बताएगा कि पशुओं पर क्रूरता रोकने निषेध कानून 1960 की रोशनी में कोर्ट की ओर से और गाइड लाइन देने की जरूरत है क्या? सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई अगले साल फरवरी में करेगा. बोर्ड हलफनामे के जरिए आंकड़े सहित रिपोर्ट दाखिल करेगा.

हालांकि कोर्ट ने केरल सरकार की कुत्तों को लेकर दाखिल याचिका पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया और मामले को हाईकोर्ट भेज दिया. आवारा कुत्तों के मामले में जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से उसकी प्रेयर को लेकर कुछ वीडियो मांगे और देखे. कोर्ट ने कहा कि हमने वीडियो देखे, आपकी चिंता जायज है.

केरल के मामले के अलावा मुंबई में एक सोसायटी में रहने वाले एक आदमी ने पालतू कुत्ते के हमले को आधार बनाकर इस मामले में याचिका दायर की थी. लेकिन कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता से कहा कि आप हाईकोर्ट जाने के बजाय सीधे यहां क्यों चले आए! कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम हर एक व्यक्तिगत मामले की सुनवाई नहीं कर सकते. आप बॉम्बे हाईकोर्ट जाएं. वहां के आदेश से आप अगर संतुष्ट न हों तो आप यहां आईएगा.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट केरल में बढ़ते आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर सुनवाई को तैयार हो गया. केरल में कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए यह याचिका लगाई गई है. याचिका में कहा गया है कि केरल Gods own Country से Dogs own Country बन गया. केरल को Gods own Country यानी (भगवान का अपना देश) कहा जाता है.

Advertisement

वकील वीके बीजू ने कोर्ट से इस मामले में चीफ जस्टिस के सामने जल्द सुनवाई की मांग रखी थी. याचिका में केरल में हाल ही में 12 साल की बच्ची को कुत्ते के काटने की घटना का भी जिक्र किया गया है. जबकि कुत्ते को एंटी रेबीज वैक्सीन लगी हुई थी. 

Advertisement

पांच साल में 10 लाख लोगों को कुत्तों ने काटा
वकील ने कहा कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व जज के नेतृत्व में कुत्तों के काटने से जुड़ीं शिकायतों से निपटने और पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. वकील वीके बीजू ने कोर्ट में बताया कि पिछले पांच साल में 10 लाख लोगों को कुत्तों ने काटा है. 

Advertisement

उन्होंने कोर्ट में कहा कि मजदूर, स्कूल जाते बच्चे, महिलाओं पर कुत्ते हमला कर रहे हैं. यह गंभीर मुद्दा है. खासकर गरीब तबके के लोगों को प्रभावित कर रहा है. 

सन 2016 में न्यायमूर्ति सिरी जगन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की थी, इसमें कहा गया था कि आवारा कुत्तों की आबादी सार्वजनिक सुरक्षा के लिए "बहुत गंभीर खतरा" बनी रहेगी, जब तक कि इसे प्रबंधनीय स्तर तक नहीं लाया जाता.

केरल को क्यों कहा जाता है Gods own Country? 
दरअसल, पौराणिक कथाओं के मुताबिक विष्णु के अवतार भगवान परशुराम ने अपनी कुल्हाड़ी से केरल बनाया. उन्होंने अपनी कुल्हाड़ी को पानी में फेंक दिया. इसके बाद पानी में भूमि की जगह बनने से यह आज केरल के रूप में जाना जाता है.

दिल्‍ली-NCR में पालतू कुत्तों का ख़ौफ़, गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से बच्‍चे को 170 टांके लगे

Featured Video Of The Day
Justice BV Nagarathna ने सुनाई 2 वकीलों की रोचक कहानी, एक बने राष्ट्रपति तो दूसरे CJI | EXCLUSIVE