50 साल से पाकिस्तान में कैद PoW मेजर की रिहाई पर SC ने केंद्र से मांगा जवाब, सुनवाई 3 हफ्ते बाद

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कार्रवाई का कारण पिछले 50 वर्षों से मौजूद है. अब इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.

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मेजर की पत्नी ने दायर की थी याचिका
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने 1971 से पाकिस्तान द्वारा हिरासत में लिए गए युद्ध बंदी (पीओडब्ल्यू) मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) में केंद्र से जवाब मांगा है. कोर्ट की सुनवाई मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी की तरफ से दायर की गई उस याचिका पर हो रही थी, जिसमें उन्होंने अपनी पति की रिहाई की मांग की. दरअसल 71 की जंग में कई भारतीय सैनिक पाकिस्तान ने बंदी बना लिए थे. जिनमें जसबीर कौर के पति मेजर कंवलजीत सिंह भी शामिल थे.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कार्रवाई का कारण पिछले 50 वर्षों से मौजूद है. अब इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी. दरअसल मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी जसबीर कौर ने याचिका में कहा गया है कि 54 POW को अभी भी पाकिस्तान सरकार द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है.

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याचिका में इन POWs की रिहाई की मांग की गई है, साथ ही  POWs के अधिकारों की रक्षा के लिए घरेलू और एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र की स्थापना की मांग भी की गई है. याचिका में कैप्टन सौरभ कालिया और जाट रेजीमेंट के 4 सिपाहियों की हत्या की भी जांच की मांग की गई है, जिनके शव पाकिस्तान ने लौटा दिए थे. याचिका में कहा गया है इस महान देश के सैनिक लगभग 50 वर्षों से दयनीय जीवन जी रहे हैं. भारत सरकार का यह दावा कि वे POW की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है,

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