सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे की अयोग्यता के फैसले पर रोक लगा दी है.अब उनकी विधायकी जाने का खतरा फिलहाल टल गया है. गौरतलब है कि एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता कोकाटे ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने 1995 फर्जीवाड़े मामले में कोकाटे की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की अवकाशकालीन पीठ ने कोकाटे की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. पीठ ने कहा कि इस बारे में नोटिस जारी किया जाए. इस बीच, याचिकाकर्ता की अयोग्यता स्थगित रहेगी और उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा लेकिन वह लाभ का कोई पद नहीं संभालेंगे.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने कोकाटे की अयोग्यता और इस वर्ष फरवरी में मजिस्ट्रेट द्वारा सुनाई गई दो वर्ष की सजा को नासिक सत्र अदालत ने पिछले मंगलवार को बरकरार रखा था. अदालत ने टिप्पणी की थी कि उन्होंने और उनके भाई ने मानदंडों से परे जाकर फ्लैट आवंटित कराए और राज्य सरकार को धोखा दिया.














