राउज़ एवेन्यू स्थित आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के दफ्तर की जमीन पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जतायी है. अदालत ने इस मुद्दे पर हैरानी जतायी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हैरानी की बात है कि दिल्ली हाईकोर्ट की जमीन पर एक राजनीतिक दल का दफ्तर चल रहा है. दिल्ली हाईकोर्ट को ये जमीन लौटाई जाए. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी सचिव और वित्त सचिव अगली तारीख से पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ एक बैठक हो और मामले का समाधान निकले. इस पूरे मामले पर AAP ने स्टेटमेंट जारी किया है. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण नहीं किया गया है. इसके साथ ही आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने के लिए केंद्र ने गलत तथ्य पेश किए हैं.
आम आदमी पार्टी ने जारी किया बयान
वहीं आम आदमी पार्टी ने इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार करते हुए कहा है कि दिल्ली का राउज एवेन्यू में स्थित पार्टी ऑफिस किसी भी अतिक्रमित भूमि पर नहीं बनाया गया. यह हैरान करने वाली बात है कि केंद्र सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह करने के लिए गलत तथ्य दिए. हम कोर्ट के समक्ष दस्तावेज पेश करेंगे कि ये जमीन दिल्ली सरकार द्वारा आम आदमी पार्टी को आवंटित की गई है. 1992 से यही जमीन आईएएस अधिकारियों और तीन मंत्रियों को आवंटित की गई. इसमें किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है. हम अपने जवाब के साथ सभी वैद्य दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे.
सुनवाई के दौरान डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता है. कोई राजनीतिक दल उस पर कैसे बैठ सकता है? हाईकोर्ट को कब्जा दिया जाना चाहिए. HC इसका उपयोग किस लिए करेगा? केवल जनता और नागरिकों के लिए. हम निर्देश देते हैं कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी सचिव और वित्त सचिव अगली तारीख से पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ एक बैठक बुलाएं. ताकि सभी मुद्दों का समाधान सुनिश्चित हो सके. सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे इस मामले को आगे के निर्देशों के लिए सोमवार को सुनवाई करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल एमिकस क्यूरी के परमेश्वर ने बेंच को सूचित किया कि सरकार को एक पार्टी से कब्ज़ा लेना था और इसे हमें देना था. अधिकारी कब्जा लेने गए तो उन्हें बताया गया कि यह कब्जा आम आदमी पार्टी के हाथ में है.अदालत ने देश भर में न्यायिक बुनियादी ढांचे से संबंधित एक मामले से निपटने के दौरान इस मुद्दे पर ध्यान दिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को एमिकस क्यूरी के परमेश्वर ने सूचित किया कि एक राजनीतिक दल का कार्यालय वहां बनाया गया है और वे जमीन वापस नहीं ले सके.
मुख्य न्यायाधीश ने जतायी नाराजगी
नाराज मुख्य न्यायाधीश ने आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील को चेतावनी दी कि जमीन उच्च न्यायालय को वापस कर दी जानी चाहिए.पिछली सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने दिल्ली जिला न्यायपालिका में बुनियादी ढांचे के लिए धन उपलब्ध कराने के प्रति उदासीन रवैये के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना की थी. उस समय, CJI ने कहा था कि मार्च 2021 तक चार में से तीन परियोजनाओं के लिए मंजूरी दे दी गई थी. हालांकि, इन परियोजनाओं के लिए धन जारी किया जाना बाकी था.
ये भी पढ़ें- :