सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे की दया याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित

राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा मौत की सज़ा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
जेल में बंद राजोआना की उम्र 56 साल हो गई है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा है. केंद्र सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे में कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया गया है. वहीं राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि बम ब्लास्ट में मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी. मामले में जुलाई 2007 में सज़ा सुनाई गई थी. हाई कोर्ट ने 2010 में सज़ा बरकरार रखा था. बलवंत सिंह राजोआना 27 साल से जेल में है, 2012 से दया याचिका लंबित है. 

राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा मौत की सज़ा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है. 2012 से दया याचिका लंबित है, हम 2023 में आ गए, यह सीधे रूप से कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. राजोआना की उम्र 56 साल हो गई, जब घटना हुई थी उस समय युवा था. हम दया याचिका पर उनके फैसले का इंतज़ार नहीं कर सकते, कोर्ट को मामले में अब फैसला सुनाना चाहिए.  यह अमानवीय है, विकल्प के रूप में अगर दया याचिका पर फैसला नहीं होता है तब तक राजोआना को पैरोल पर छोड़ा जा सकता . या याचिका पर फैसले देरी पर उनके खिलाफ अवमानना के लिए अलग से कार्यवाही की जा सकती है.

यह भी पढ़ें-
जेएनयू के नए नियम : धरना करने पर 20,000 रुपये जुर्माना, हिंसा करने पर दाखिला रद्द
झारखंड में चिकित्सकों की हड़ताल, सभी सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में सेवाएं बाधित

SC का ऐतिहासिक फैसला : PM, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और CJI करेंगे मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन

Featured Video Of The Day
Nobel Peace Prize: Donald Trump का नोबेल वाला 'गुमान' कैसे चकनाचूर? | Shubhankar Mishra