जीएन साईबाबा को बरी करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

कथित माओवादी लिंक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और पांच अन्य आरोपियों को बरी करने के कुछ घंटों बाद महाराष्ट्र सरकार ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था

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जीएन साईबाबा (GN Saibaba) को बरी करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली है. साईबाबा जेल से बाहर ही रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट  के साईबाबा को बरी करने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में हाईकोर्ट का बरी करने का फैसला उचित कारणों वाला. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की अपील मंजूर की, लेकिन जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि दो बार बरी किए जाने के मामले की सुनवाई में जल्दबाजी नहीं दिखाई जा सकती. जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि ये बरी करने का आदेश कितने साल जेल में रहने के बाद मशक्कत से आया है. 

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार जीएन साईबाबा को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. बरी करने का आदेश मंगलवार सुबह बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने पारित किया है 

 कथित माओवादी लिंक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और पांच अन्य आरोपियों को बरी करने के कुछ घंटों बाद महाराष्ट्र सरकार ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने सत्र न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया, जिसने 2017 में साईबाबा और अन्य को दोषी ठहराया था.

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